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________________ ५२९ ५३० .00000000000000000000................. . ........... ... . . . ५३४ 00000.............५३७ ५३९ ५४० .............................. ५ ४ ५ २६६ २०० से अधिक ओली के आराधक ३ साध्वीजी !.................. ५२४ २६७ २०० से अधिक ओली के आराधक साध्वीजी !... ....... ५२६ २६८ २०० से अधिक ओली के आराधक साध्वीजी !.... .५२७ २६९ संलग्न २० उपवास से बीस स्थानक की आराधना !.. ५२८ २७० ७३ वर्ष की उम्र में २५१ उपवास ! ........ २७१ लगातार ३११ उपवास !..... २७२ ११ अंगसूत्र कंठस्थ करनेवाले साध्वीजी !... ५३१ २७३ विदुषी साध्वीजी (बहिन महाराज) ... ... २७४ पल्लीवाल क्षेत्र में धर्म का पुनर्जीवन !........... २७५ अठाई से वर्षीतप, पारणों में एक धान्य का आयंबिल !.... ५३५ २७६ ९०० आयंबिल के उपर ४५ उपवास में उग्र विहार !. .. २७७ लगातार ४०० छठ से बीस स्थानक तप ! .. ... २७८ तपोमय जीवन !................................. २७९ ७२ वर्ष की उम्र में संयम स्वीकार !. ५४० २८० मरणांत परिषह में भी अद्भुत समता ! ......... ....................५४१ २८१ १०८ मासक्षमण की भावना ! ......... .........५४३ २८२ १०८ मासक्षमण की भावना !................. ५४५ २८३ चौविहार १०८ छठ्ठ के साथ ९ - ९ यात्राएँ !...... २८४ चौविहार १०८ छठ के साथ ८ - ८ यात्राएँ !......... ५४७ २८५ आँख में मकोड़ा ! फिर भी अजीब समता !. ५४९ २८६ स्वानुभूति संपन्न साध्वीजी की अद्भुत निरीहता !. ५५१ २८७ १०० ओली का पारणा-सादगी पूर्वक !............ २८८ १२ वर्ष मौन के साथ आत्मसाधना !.... ५५४ २८९ ६ वर्षों से वर्षांतप के साथ मौन !.......... ५५६ २९० विहार में १५ दिन तक चने आदि से निर्वाह !. .........५५७ २९१ ४९ वर्षों से चौविहार उपवास से वर्षीतप ! २९२ आयंबिल और नवकार का अनूठा प्रभाव !.... ..........................५६४ २९३ तप-जप से केन्सर केन्सल हो गया ! ........... ....... ५६६ २९४ ८६ वर्ष का दीक्षा पर्याय !. .......५६८ २९५ प्रत्येक जिनबिम्बों के समक्ष चैत्यवंदन !........... .......५६९ २९६ मुनिवरों के अनुमोदना पत्रों का सारांश !.. .....५७० २९७ स्थानकवासी महत्माओं के अनुमोदना पत्रों का सारांश. .......५८६ २९८ साध्वीजी भगवंतों के अनुमोदना पत्रों का सारांश !...... ............५८९ २९९ श्रावक-श्राविकाओं के अनुमोदना उद्गार ... ......... .........५९० ३०० सन्माननीय आराधक रत्नों के हर्षोदगार .. ....... ५९३ ३०१ बहुरत्ना वसुंधरा भाग-३ के दृष्टांत पात्रों के नाम ................ ...........५९६ ...............................५४७ ५४७ ५५३ .............................५५९ (51)
SR No.032468
Book TitleBahuratna Vasundhara
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahodaysagarsuri
PublisherKastur Prakashan Trust
Publication Year1999
Total Pages478
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size18 MB
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