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________________ ......................... ............ १७० .१८६ 2000000000 +4.00000000000 ........२०७ .................................................... २६ २२६ ८९ आजीवन बालब्रह्मचारी दंपती ... १५८ ९० अध्यात्मनिष्ठ बंधुयुगल... १६० ९१ वृद्धावस्था में भी सफल आत्मसाधक............ ९२ हिमालय के योगी के मार्गदर्शन से नवकार साधक. १७७ २३ हजार यात्रिकों को १०० दिन तक ९९ यात्राकारक बंधुयुगल.......... . १८२ ९४ अनेक सद्गुणों से अलंकृत श्राद्धवर्य..... ९५ आजीवन मकान से बाहर नहीं जानेका संकल्प !.. ....... १९० ९६ नवकार के प्रभावसे केन्सर केन्सल !.. .......१९१ ९७ ११ करोड़ नवकार के आराधक !......... .............१९९ ९८ श्रीऋषिमंडल महास्तोत्र के विशिष्ट साधक ... २०३ ९९ २११ उपवास के महातपस्वी !...... १०० बिना दवाई से असाध्य दर्दो के निःशुल्क चिकित्सक ............... ........... २१२ १०१ प्रतिदिन ९ घंटे पद्मासन में नवकार का जप... !... १०२ प्रतिदिन ५०० रूपयों के पुष्प आदि से ५ घंटे प्रभुभक्ति !......... १०३ प्रतिदिन ५४ जिनालयों में पूजा करनेवाले सुश्रावक !.... ............२२१ ... १०४ करोड़ खमासमण के आराधक ! ..... १०५ भारतभर के जैन तीर्थों की ८ सालमें पदयात्रा !....... ............................२२९ १०६ ४८ बार श्री सिद्धाचलजी महातीर्थ की ९९ यात्राएं ! ........ ... २३१ १०७ १५ लाख रूपयों के उपकरणों से जिनभक्ति !..... ............२३३ १०८ सामायिक या जिनपूजा नहीं होने पर १० हजार रु का प्रायश्चित्त !....... १०९ त्रिकाल ३४६ लोगस्स का कायोत्सर्ग ! ....... ११० प्रतिदिन सिद्धचक्रपूजक, स्वानुभूतिसंपन्न श्राद्धवर्य ...... .......२४० १११ श्री सिद्धचक्र महापूजन के बेजोड़ विधिकार.. २४२ ११२ अठ्ठम के पारणे अठ्ठम के साथ ९९ यात्राएं ! .......... .... २४४ ११३ एक बेमिसाल प्रेरणादायी व्यक्तित्व ..... २४८ ११४ मुंबई में भी संडाश-बाथरूम के उपयोग का त्याग !............. ११५ ३ साल तक खड़े खड़े साधना !..... .......२५५ ११६ १८ साल तक मौनव्रती आत्मसाधक ! .... २५७ ११७ आजीवन बालब्रह्मचारी कच्छी दंपती !.. ...२५९ ११८ बेमिसाल ब्रह्मचर्य गुप्तिका पालन........... ....... २६१ ११९ ब्रह्मचर्य के संकल्प का अद्भुत प्रभाव ........... ........... २६३ १२० विवाह के २ वर्ष बाद आजीवन ब्रह्मचर्य की प्रतिज्ञा !............. १२१ आजीवन ब्रह्मचर्य व्रत स्वीकारने की तीव्र तमन्ना ............ २६५ १२२ सालमें केवल २ घंटे की जयणा के साथ आजीवन ब्रह्मचर्य व्रत !..... २६६ १२३ प्रज्ञाचक्षु श्रावकों की अद्भुत आराधना ....... २६८ १२४ नि:स्पृह कच्छी विधिकार त्रिपुटी HHHHHHHHHHHHHHHI २३६ २३८ 10000000000000000.. २५३ २६४ त्रा.................... ..................................... २७० 46
SR No.032468
Book TitleBahuratna Vasundhara
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahodaysagarsuri
PublisherKastur Prakashan Trust
Publication Year1999
Total Pages478
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size18 MB
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