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________________ ० ५६ नवपदजी की ओली और उपधान का आराधक युवक नबी ....... कसाई १०२ ५७ सचित्त पानी का त्यागी रामकुमार कैवट ....... ........खलासी १०३ ५८ दामाद को भी रात्रिभोजन नहीं ! मोतिलालजी ....... पाटीदार १०४ ५९ अनानुपूर्वी से नवकार जप ! करसनजी जाडेजा ..................... राजपूत १०५ ६० धर्मरंग से रंगा हुआ चित्रकार जोषी परिवार.............. ...........ब्राह्मण १०६ ६१ रोज २-२ घंटे खड़े खड़े जिनभक्ति और जप ! जसभाई ... ६२ त्रिकाल प्रभुदर्शन पूजा आदि के आराधक लालसिंहजी .. ............ राजपूत १०८ ६३ गोविंदभाई मोदी की अनुमोदनीय आराधना ........ ....... मोदी १०९ ६४ प्रिन्सीपाल श्री जयेन्द्रभाई शाह की अनुमोदनीय आराधना ..........वैष्णव ११० ६५ पूजारी अंबालाल भाई और रेवाबहन की आराधना ......... परमार क्षत्रिय ११४ ६६ होटल के पानी का भी त्याग ! ६०० हरिजनों का सत्संग मंडल हरिजन ११५ ६७ हरिजन दंपती लक्ष्मीबहन नवीनचंद्रभाई चावड़ा की आराधना ....... हरिजन ११६ ६८ धार्मिक अध्यापक दिलीपभाई मालवीया ........ .......लोहार ११६ ६९ लालजीभाई की अनुमोदनीय नीतिमत्ता ..... . ...... हरिजन १२० आत्मसाधक डॉक्टर प्रफुल्लभाई जनसारी... .........मोची १२१ ७१ डॉक्टर राधेश्याम की अनुमोदनीय आराधना .. ..........अग्रवाल १२२ ७२ केशव नामकर. पाटील की अनुमोदनीय आराधना ............ महाराष्ट्रीयन १२३ खीमजीभाई परमार की अनुमोदनीय आराधना .. हीनाबहन व्रजलाल की अनुमोदनीय आराधना...... ............वैष्णव १२४ रमेशभाई नाई की अनुमोदनीय देव-गुरुभक्ति ........ ............ नाई १२४ ७६ उपधान करते हुए जीवराजभाई झाला ....... ............मोची १२५ ७७ प्रवीणभाई पटेल परिवार की आराधना......... ............... पटेल १२६ ७८ सोमपुरा मयूरभाई की आराधना ............................. सोमपुरा १२७ ७९ रोज १०८ लोगस्स आदि की आराधक कु. मीनाबहन ......... महाराष्ट्रीयन १२७ १० सालकी उम्रमें पंच प्रतिक्रमण कंठस्थ कु. लक्ष्मी ..........नेपालीयन १२९ ८१ पंच प्रतिक्रमण कंठस्थ करनेवाली तीन बालिकाएँ ...............दरजी १२९ ८२ मीराबाई जैसी बनने की भावना ! नीताबहन ....... ! नाताबहन ...............................दरबार १३० ८३ हररोज जिनपूजा आदि करते हुए हांसबाई मा .. ............ खवास १३१ ८४ सिद्धितप करनेवाली मुक्ताबहन ........... ..............भंगी १३२ ८५ हरिजन कन्या नवलबाई की शादी के लिए अनुमोदनीय शर्त ...... हरिजन १३२ ८६ "यदि बचपन से ही जैनधर्म मिला होता तो.." ! रेखाबहन .........मिस्त्री १३५ आलु "बहुरत्ना वसुंधरा" दूसरा ..... प्रस्तावना एवं स्तवना ........ ८७ १० वर्ष के सहजीवन के बाद भी बाल ब्रह्मचारी दंपती ............. ८८ एक ही बार प्रवचन श्रवण से आजीवन ब्रह्मचर्य ................ ......................................................... १३९ १४० Rame. ..........0000000000000000000000.... .....१४५ १५५ (45
SR No.032468
Book TitleBahuratna Vasundhara
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahodaysagarsuri
PublisherKastur Prakashan Trust
Publication Year1999
Total Pages478
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size18 MB
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