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________________ हुई, जिनमें से कुछ पत्रों का संक्षिप्त सारांश इस हिन्दी प्रकाशनमें प्रकाशित किया गया है । प्रस्तुत पुस्तक में प्रकाशित आराधक-रत्नों का हजारों लोगों को एक साथ प्रत्यक्ष दर्शन और परिचय कराने की शुभ भावनासे वि.सं. २०५३ के चातुर्मास में, भाद्रपद पूर्णिमा के दिन, शंखेश्वरजी महातीर्थ में, एक भव्यातिभव्य "अनुमोदना-बहुमान समारोह" श्री गुणीजन भक्ति ट्रस्ट (मणिनगर-अहमदाबाद) और श्री कस्तूरप्रकाशन ट्रस्ट के संयुक्त प्रयत्नों से और शेठश्री जीवणदास गोडीदास पेढी-शंखेश्वरजी के सहकार से अनेक दाताओं के आर्थिक सहयोग से और आयोजित हुआ था । भारत के सात राज्योंमें से ८७ जितने आराधक-रत्न और करीब ५००० जितने दर्शनार्थी इस अनुमोदना समारोहमें पधारे थे । शंखेश्वरमें चातुर्मास बिराजमान तपस्वीरत्न प.पू. आचार्य भगवंत श्री नवरत्नसागरसूरीश्वरजी म.सा. आदि अनेक साधु-साध्वीजी भगवंतों की पावन निश्रामें श्रेष्ठीवर्य श्री श्रेणिकभाई कस्तूरभाई आदि अनेक महानुभावों की अतिथि विशेष के रूपमें उपस्थितिमें यह भव्यातिभव्य विशिष्ट समारोह करीब ५॥ घंटे तक लगातार चला था। सभी आराधक-रत्नों का समाजको संक्षिप्त परिचय कराया गया था और अनुमोदना पत्र के साथ रत्नत्रयी के विभिन्न उपकरणादि द्वारा सभी का विशिष्ट बहुमान किया गया था । उस अनुमोदना समारोह की कुछ तस्वीरें भी इस हिन्दी प्रकाशनमें प्रकाशित की गयी हैं। ___ जो आराधक संयोगवशात् इस अनुमोदना समारोहमें उपस्थित नहीं हो सके थे और जिनकी तस्वीरें इस समारोहमें भी नहीं प्राप्त हो सकी, उन सभी की तस्वीरें मँगाने का प्रयास किया गया था । उनमें से जो तस्वीरें उपलब्ध हुई हैं उनको भी यहाँ प्रकाशित किया गया है । प्रथमावृत्तिमें गुजराती भाषा में प्रकाशित इस पुस्तक को हिन्दी भाषामें प्रकाशित करने के लिए चतुर्विध श्री संघके अनेक (35)
SR No.032468
Book TitleBahuratna Vasundhara
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahodaysagarsuri
PublisherKastur Prakashan Trust
Publication Year1999
Total Pages478
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size18 MB
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