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________________ 405 254 बहुरत्ना वसुंधरा : भाग - 2 1995 शाह आलम (अहमदाबाद) 210 1996 कुरेशीनगर, विशाला होटल के सामने कुल 2188 गीताबहन की स्मृति में जीवरक्षा के उपर्युक्त प्रकार के सत्कार्यों के लिए निम्नोक्त दो संस्थाओं की स्थापना की गयी है / (1) गीताबहन रांभिया स्मृति अहिंसा ट्रस्ट (2) गीताबहन रोभिया परिवार चेरीटेबल ट्रस्ट (गीता सेना) (रजि.नं. E-10-910) रजि. औफिस : कार्यकारी ओफिस : नागजी भूदर की पोळ झुपड़ा की पोळ माँडवी की पोल माँडवी की पोळ माणेक चौक, अमदाबाद-१. माणेक चौक. फोन : 1141197 अमदाबाद-३८०००१. जीव हिंसा को रोकने के उपर्युक्त प्रकार के कार्य अकेले हाथसे करना संभव नहीं होता है / उसके लिए तो कसाइओं का हिंमतपूर्वक सामना कर सकें ऐसे युवकों का सहयोग अनिवार्य है / इसके लिए बचुभाई रोभिया ने "गीतासेना' के नाम से युवकों की फौज भी तैयार की है / उसमें कोई भी युवक मानद सेवा भी देते हैं, मगर बाकी के जैनेतर युवकों को यथायोग्य वेतन देना पड़ता है / इसलिए उपर्युक्त संस्थाओं के उपक्रम से छोटे जीवों को कसाइयों से छुडाने के 351 रूपये एवं गाय-भैंस आदि बड़े जीवों को छुड़ाने के लिए 601 रूपयों का नुकरा भी तय किया गया है / जीवदयाप्रेमी जनता को अनुरोध किया जाता है कि अपनी जान को जोखिम में डालकर ऐसे उत्तम कार्य करनेवाले कार्यकर्ताओं को हम आर्थिक दृष्टि से ऐसे समर्थ बना दें ताकि वे आजीवन उत्साहपूर्वक ऐसे उत्तम कार्य करते ही हैं / बचुभाई रोभिया शंखेश्वर में आयोजित अनुमोदना समारोह में पधारे थे और उस समारोह की विडीओ मूवी भी स्वेच्छा से उन्होंने तैयार
SR No.032468
Book TitleBahuratna Vasundhara
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahodaysagarsuri
PublisherKastur Prakashan Trust
Publication Year1999
Total Pages478
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size18 MB
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