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________________ २४८ बहुरत्ना वसुंधरा : भाग - २ सचमुच पाँचवें आरे में भी चौथे आरे के धर्मात्मा जैसे ऐसे आराधकरत्नों से श्री जिनशासन सदा जयवंत है । श्री शंखेश्वरजी महातीर्थ में आयोजित अनुमोदना समारोह में टोकरसीभाई और बचुबाई भी पधारे थे। उनकी तस्वीर के लिए देखिए पेज नं 18 के सामने । पता : टोकरसीभाई देवजी देढिया 'कृपा' प्लोट नं. २१, जयप्रकाश नगर, रोड नं. ४ गोरेगाम (पूर्व) मुबई-४०००६३ फोन : ८७३७७२१, ८७३३४ २२ (घर) ८७३४ ०८४, ८७३३४ २२ (प्रेस) एक बेमिशाल प्रेरणादायी व्यक्तित्व कुमारपालमाई ची. शाह शासन प्रभावक, दया-करुणा और प्रवित्रता के अवतार, दीर्घदृष्टा आयोजक, आपत्तिमें आँसु पोंछनेवाले, युवकों के पथदर्शक और प्रेरणा के श्रोत एक व्यक्ति का नाम है ...... कुमारपालभाई विमलभाई शाह ! आज उनकी उम्र ५१ साल की है । मूलतः बीजापुर (जि. महेसाणा- उत्तर गुजरात) के निवासी कुमारपालभाई कई वर्षों तक मुंबई में हीरों का व्यवसाय करते थे मगर आज कुछ वर्षों से उन्होंने धोलका (जि. अहमदाबाद) को अपनी धर्मकार्यों की भूमि बनायी है । हीरों के समृद्धिप्रद व्यवसाय को छोड़कर देश के - समाज के और शासन के पुण्यकार्यों में वे तन-मन-धन, मन-वचन-काया और समय-शक्ति का समर्पण कर रहे हैं । .. ____ कुलीन माता-पिता के इस संतान में बचपन से ही धर्म के संस्कार थे । इ. स. १९६४ के ग्रीष्मावकाश के दिनों में १७ साल के कुमारपाल अपने मित्रों के साथे आबू पर्वत के अचलगढ शिखर पर जैन
SR No.032468
Book TitleBahuratna Vasundhara
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahodaysagarsuri
PublisherKastur Prakashan Trust
Publication Year1999
Total Pages478
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size18 MB
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