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________________ २४२ बहुरत्ना वसुंधरा : भाग अनुभव होते गये उनको वे अपनी डायरी में लिखते गये । दि. १९-६-९५ के दिन अहमदाबाद में करीब डेढ घंटे तक बाबुभाई के साथ वार्तालाप हुआ, उसके दौरान उन्होंने कुछ आध्यात्मिक अनुभवों की बातचीत की, मगर वे अनुभव अपने जीवन के दौरान ही जाहिर हो जायँ ऐसा अधिकांश साधक सहेतुक नहीं इच्छते हैं और सद्गुरु की ओरसे भी उनको ऐसी ही आज्ञा होती है, इसलिए उन बातों को यहाँ प्रकाशित करना संभव नहीं है । आत्मसाधक श्री बाबुभाई की आत्म साधना की भूरिशः हार्दिक अनुमोदना । विशिष्ट आत्म जिज्ञासुओं को बाबुभाई का सत्संग करने योग्य है । १११ पता : श्री बाबुभाई कड़ीवाले सोनारिका बिल्डींग, जैन नगर, नवा शारदा मंदिर रोड, पालडी- अहमदाबाद (गुजरात) पिन : ३८०००७, फोन : ०७९-६६२१७०५ (घर) जन श्री सिद्धचक्र महापूजन के बेजोड़ विधिकार श्राद्धवर्य श्री हीरालालभाई मणिलालभाई शाह आज कल अनेकविध नये नये पूजन पढाये जाते हैं, मगर प्राचीन कालमें मुख्यतः श्री सिद्धचक्र महापूजन और श्री अष्टोत्तरी बृहत् शांतिस्त्रात्र ही पढ़ाये जाते थे । विविध महापूजनों की विधि करनेवाले विधिकार आज अनेक हैं मगर जिनका श्री सिद्धचक्र महापूजन एकबार ध्यानपूर्वक देखने-सुनने के बाद आजीवन याद रह जाय ऐसे बेजोड़ विधिकार श्राद्धवर्य श्री हीरालालभाई मणिलालभाई शाह (उ.व. ७२ करीब ) भी नवकार, सामायिक एवं मैत्रीभावना की महिमा को जैन संघमें विशिष्ट रूपसे फैलानेवाले प. पू. पंन्यास प्रवर श्री भद्रंकर विजयजी म. सा. के एक विशिष्ट कृपापात्र सुश्रावक हैं।
SR No.032468
Book TitleBahuratna Vasundhara
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahodaysagarsuri
PublisherKastur Prakashan Trust
Publication Year1999
Total Pages478
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size18 MB
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