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________________ बहुरत्ना वसुंधरा : भाग - १ मासक्षमण आदि करने वाले सुखाभाई पटल अहमदाबाद जिले के धोलेरा गाँव के जैन मंदिरमें आजसे ४४ साल पहले सहायक पूजारीके रूपमें कार्य करते हुए सुखाभाई पटेल (हाल उ. व. ७८) को साधु भगवंतों के सत्संगसे जैनधर्म के प्रति आकर्षण पैदा हुआ। परिणाम स्वस्त्पमें उन्होंने एक मासक्षमण, १६ उपवास, और तीन बार अठाईकी तपश्चर्या की है । स्व. चतुरमुनि म.सा. के दीर्घ सानिध्यके परिणामसे उन्होंने संयमके पुनीत पथ पर प्रस्थान करनेकी संपूर्ण तैयारी कर ली थी, मगर किसी अंतराय कर्म के उदयसे उनकी भावना साकार न हो सकी । वर्तमानमें वे धोलेरा के जैन स्थानकमें सेवा प्रदान करते हुए धर्ममय जीवन व्यतीत कर रहे हैं । चारित्रके पथ पर प्रस्थान करने की उनकी भावना आगामी भवमें शीघ्र साकार हो यही शुभेच्छा सह शासनदेव से हार्दिक प्रार्थना । शंखेश्वर में आयोजित अनुमोदना समारोहमें सुखाभाई भी पधारे थे । उनकी तस्वीर के लिए देखिए पेज नं. 16 के सामने । पता : सुखाभाई पटेल, जैन स्थानक, मु.पो. धोलेरा, ता. धंधुका, जि. अहमदाबाद. (गुजरात) ३७ साधुसेवा और सामायिक करते हुए _ विजयभाई दरबार खंभात से पालिताना के विहार मार्गमें आते हुए पीपली गांव के निवासी विजयभाई दरबार (राजपूत) (उ. व. ५८) विहारमें पीपली पधारते हुए जैन साधु-साध्वीजी भगवंतों की गोचरी पानी आदिकी व्यवस्था अत्यंत बहुरत्ना वसुंधरा - १-6
SR No.032468
Book TitleBahuratna Vasundhara
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahodaysagarsuri
PublisherKastur Prakashan Trust
Publication Year1999
Total Pages478
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size18 MB
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