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________________ ७६ बहुरत्ना वसुंधरा : भाग - १ : छरी पालक संघके संघपति बनते हुए लोहार कांतिलालभाई एन. पीठवा सुरेन्द्रनगरमें एटलास एन्जिनियरिंग कं. के मालिक कांतिलालभाई एन. पीठवाका जन्म पंचाल अर्थात् लोहार जातिमें हुआ है । किन्तु कुछ साल पहले अध्यात्ममूर्ति प.पू. आचार्य भगवंत श्री कैलाससागरसूरीश्वरजी म.सा. के सत्संगसे उनको जैनधर्मका रंग लगा । पूज्यश्रीने स्व हस्तसे उनको नवकार महामंत्र लिख दिया था । आज भी वे नियमित रूपसे नवकारवाली गिनते हैं । पर्व दिनोंमें जिनपूजा करते हैं । उनको जिनवाणी श्रवण करनेका बहुत रस है । हर साल धर्मकार्योंमें अच्छी रकमका सद्व्यय करते हैं । आजसे करीब १८ साल पहले प.पू. पं. श्री दानविजयजी गणिवर्य म.सा. की निश्रामें सुरेन्द्रनगरसे शंखेश्वरजी महातीर्थका छ'री पालक पदयात्रा संघ निकला था तब कांतिलालभाई ने उसमें संघपति बननेका लाभ लिया था । उन्होंने आज तक शेजय, गिरनार, शंखेश्वर, मेहसाणाकी पंचतीर्थ आदि अनेक जैन तीर्थों की भावपूर्वक यात्रा की है । शंखेश्वर तीर्थमें आयोजित अनुमोदना समारोहमें उन्होंने सुंदर योगदान दिया था । उनकी तस्वीर पेज नं. 20 के सामने प्रकाशित की गयी है । पता : कांतिलालभाई एन. पीठवा, एटलास एन्जिनियरिंग कं. सुरेन्द्रनगर (गुजरात), पिन : ३६३००१. साधु साध्वीजी की वैयावच्च करते हुए मूलजीभाई मास्टर गुजरातमें महेमदाबाद और नडियाद के बीचमें आये हुए देवकी वणसोल गाँवमें वर्तमानमें एक भी जैन घर नहीं है, लेकिन जैनेतर कुलोत्पन्न मूलजीभाई मास्टरके घरका वातावरण जैनकुल जैसा ही है । वे
SR No.032468
Book TitleBahuratna Vasundhara
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahodaysagarsuri
PublisherKastur Prakashan Trust
Publication Year1999
Total Pages478
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size18 MB
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