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________________ जिसके दिल में श्री नवकार, उसे करेगा क्या संसार? नागपुर के पास में खाकरी गांव के एक खेत की दो क्यारियों में प्रयोग किया गया। एक साथ दोनों क्यारियों को बोया गया। एक समान ही खाद दोनों में डाली गयी, एक ही कुएँ के पानी से दोनों क्यारियों को सींचा गया, अन्तर केवल इतना ही था, कि प्रथम क्यारी में सिंचते पानी को नवकार मन्त्र से मंत्रित करने के बाद सिंचा जाता था, जबकि दूसरी क्यारी को बिना मंत्रित पानी दिया जाता था। समय होते अंकुर फूटे, फूल उगे, फल आने लगे। परिपक्व स्थिति निर्मित होते ही फल इकट्ठे किये गये। तोड़े हुए फलों का वजन किया गया। नवकार मंत्र से प्रभावित पानी पीने वाली क्यारी में से कुल 40 किलो ककड़ी की फसल निकली। जबकि दूसरी क्यारी में मात्र 16 किलो ककड़ी की फसल निकली। ऐसे ही प्रयोग मुम्बई थाणा बन्दरगाह पर आए हुए आश्रमों में हुए थे, और नवकार मन्त्र के दिव्य चमत्कारों का अनुभव वहाँ के लोगों ने किया था। जब मन-वचन-काया के तीनों योग से नवकार मन्त्र को गिना जाएगा तब अपने औदारिक तैजस-कार्मण इन तीनों शरीर पर उसका असर होगा। यदि कार्मण शरीर पर नवकार मन्त्र का बिजली-करंट लग जाये, तो अपना बेड़ा पार है। (प्रेरणापत्र' में से साभार) लेखक-पू.पं. श्री हेमरत्नविजयजी म.सा. (वर्तमान में आचार्य) नमस्कार ही चमत्कार झुकाने वाला मिले, वहां झुकने वाली दुनिया भले ही ऐसे बोलती सुनाई देती है कि, 'जहां चमत्कार वहां नमस्कार!' किंतु जिन्हें नवकार को समझना है, जिन्हें नवकार में निष्ठा है और नमस्कार की दुर्लभता जिसके दिल-दिमाग में आरपार बैठ गई है, वह तो यही बोलेगा कि भाई! अपने को नमस्कार मिला, यही चमत्कार है! नमन योग्य पूज्यों के सामने अक्कड़ रहने में गौरव का अनुभव करने वाली दुनिया बहुत बड़ी है। इस दुनिया में 65
SR No.032466
Book TitleJiske Dil Me Navkar Use Karega Kya Sansar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahodaysagarsuri
PublisherKastur Prakashan Trust
Publication Year2000
Total Pages454
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size35 MB
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