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________________ क्या संसार कार - जिसके दिल में श्री नवकार, उसे करेगा क्या संसार? ॐ नवकार मंत्र अर्थात् मंथन द्वारा प्राप्त किया हुआ शुद्ध घी। नवकार मंत्र की आराधना के वातावरण से विराधना की दुर्गन्ध दूर होती है। आराधना की सुवास फैलती है। 9 नवकार मंत्र की महिमा से विघ्न टलते हैं, आत्मा में निर्मलता आती है, वांछित फलित होते हैं और अग्नि जल में परिवर्तित हो जाये, ऐसी इस मंत्र की महिमा अपरंपार है। ॐ तीनों काल में नवकार मंत्र शाश्वत है, सनातन है। दुनिया के सभी शब्द बदल जायें, किन्तु नवकार मंत्र के शब्द तीनों काल में नहीं बदलते हैं। श्री नवकार महामंत्र के जाप की असर कब? जैसे छिछले बर्तन में बिलौना नहीं होता, वैसे ऊपर-ऊपर से श्री नवकार का जाप नहीं होता है। जाप का एकाग्रता जितना ही गंभीरता से संबंध है। बीज को धरती में बोना पड़ता है, वैसे ही नवकार के प्रत्येक अक्षर को उच्च भावपूर्वक मन के द्वारा प्राणों में विराजमान करना चाहिये। अक्षर में रहा हुआ चैतन्य, प्राण का योग प्राप्त कर प्रकट होता है, उससे जाप करने वाले पुण्यशाली की भावना अधिक उज्जवल बनती है, और स्वाभाविक रूप से सर्वोच्च आत्मभाव-सम्पन्न भगवंतों की भक्ति की ओर मुड़ती है। श्री नवकार में पंच परमेष्ठी भगवंत विराजमान हैं। ऐसा जानने के बावजूद उनके प्रति अपने परम पूज्य भाव में यांत्रिकता और औपचारिकता कायम रहती है, तो वह वास्तव में अपनी शोचनीयता गिनी जायेगी। ... . पंच परमेष्ठी भगवंतों को ही याद करने के अवसर पर अन्य-अन्य बातें अपने मन पर कब्जा कर लेती हैं और हम उसे निभा लेते हैं, तो वह अपनी कायरता की निशानी है। पंच परमेष्ठी भगवन्तों का भावपूर्वक सतत स्मरण करने मात्र से आत्मा को जो अकल्पित लाभ होता है, उसका एक लाखवां हिस्सा भी 410
SR No.032466
Book TitleJiske Dil Me Navkar Use Karega Kya Sansar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahodaysagarsuri
PublisherKastur Prakashan Trust
Publication Year2000
Total Pages454
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size35 MB
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