SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 396
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ - जिसके दिल में श्री नवकार, उसे करेगा क्या संसार? बेचैनी, गरमी एवं खन का पानी हो रहा है, ऐसा आभास हो रहा था। शायद आज की रात्रि कालरात्रि बनेगी ऐसा लगा। मैं अपने संस्तरण से उठकर बाहर बरामदे में गया। वहां पर नवकार मंत्र का एकाग्रचित्त से जाप करने लगा। तो कुछ समय बाद बेचैनी एवं भय दूर हो गया था। मन बार-बार इसी निर्णय पर पहुंचा कि नवकार मंत्र ने रक्षण किया है। दूसरे दिन वहां से विहार कर दिया था। हाथ पर सूजन आठ दस दिन तक रहा। (2) मुहपत्ति में से नवकार की ध्वनि पंजाब के विहार में एक भाई ने वल्लभसूरिजी म. का प्रसंग इस प्रकार सुनाया कि, एक भाई श्री वल्लभसूरिजी के पास आकर कहने लगा कि, 'नवकार मंत्र' की इतनी महिमा बताई जाती है, तो मुझे विश्वास बैठे ऐसा कुछ करें।" श्री वल्लभसूरि म. ने मुहपत्ति उसके हाथ में देते हुए कहा कि, "इसे कान पर लगा दो।" उस भाई ने कान पर लगा कर मुहपत्ति रखी तो उसमें से नमस्कार मंत्र के शब्द सुनाई देने लगे। उस भाई ने आश्चर्यान्वित होकर प्रतिप्रश्न किया कि, 'मुझे नवकार मंत्र के शब्द कहां से सुनाई दे रहे हैं?' वल्लभसूरिजी म. ने कहा कि, "मेरे मन में नवकार मंत्र का जाप चालु है और उन शब्दों का कनेक्शन मुहपत्ति में लग गया है। अतः तुम्हें सुनाई दे रहा है।" आगे कहा कि, "सूक्ष्म जाप एवं लयबद्ध शब्द से स्थूलजगत् को प्रभावित करने में नवकार मंत्र के शब्द पर्याप्त हैं। आवश्यकता है निष्ठा, श्रद्धा एवं संकल्प की।" प्रश्नकर्ता के ऊपर उसका असर पड़ा और वह व्यक्ति वहां से चला गया। इसी सुनी बात ने मेरे विश्वास को संबल दिया। (3) पेशाब की जलन दूर हुई ___ एक बार विहार में अकेला ही था। पेशाब जलन कई दिनों से चाल थी। दवाइयों का भी असर नहीं हो रहा था। परेशानी भी हो रही थी। मारवाड़ के बीजापुर में उपाश्रय में स्थिरवास था। वहां के श्रावकों से 369
SR No.032466
Book TitleJiske Dil Me Navkar Use Karega Kya Sansar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahodaysagarsuri
PublisherKastur Prakashan Trust
Publication Year2000
Total Pages454
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size35 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy