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________________ -जिसके दिल में श्री नवकार, उसे करेगा क्या संसार? बढ़ती गयी, फिर तो कंपनी ने सभी ऑफिसरों को कम्पनी के मकान में ही रहने की सुविधा दी। कंपनी के बाहर तो मजदूर सीधे छुरे ही फैंक कर मार डालें ऐसी परिस्थिति थी। कई ऑफिसर जल्दी सवेरे पांच बजे डर से घबराकर टेक्सी कर कंपनी छोड़कर भाग गये। मेरे पति और दूसरे चार लोग अंदर रह गये। यदि बाहर आयें तो मजदूर मार डालें। घर आया नहीं जा सकता और इस डर से अन्दर ही रहे। सवेरे मेरे पति का फोन आया कि 'मैं क्या करूं? किस प्रकार बाहर आऊँ?" मैंने कहा,"चिन्ता मत करो, में अभी आती ।" मैंने उनके मित्रों से बात की कि, "मेरे साथ कंपनी चलो, " मगर कोई नहीं आया। मेरे तीन बच्चे छोटे थे। बड़ा बेटा 10 वर्ष का, दूसरा 8 वर्ष का, और तीसरा बेटा 5 वर्ष का। में तीनों को पड़ोसी के यहां छोड़कर कम्पनी की ओर निकली। में अकेली नहीं थी। मेरे साथ मेरा नवकार मंत्र था। मैं नवकार मंत्र का जाप करती करती कंपनी पहुंची। वहां गेट के बाहर 500 जितने मजदूर टेन्ट लगाकर बैठे थे। वहां दूसरा कोई नहीं आ सकता था। मुझे मेरे नवकार मंत्र के प्रताप से स्फुरणा हुई कि पहले मैं हड़ताली मजदूरों से मिलुं। वे लोग 500 और में अकेली! मैं नवकार मंत्र जपते जपते उनके टेन्ट में गयी। मैंने दोनों हाथ जोड़कर उनसे विनति कर मेरे पति का नाम बताया और कहा कि मेरे तीन बच्चे बहुत छोटे हैं। मैं उन्हें पड़ोसी के यहां छोड़ आयी हूँ। मैं अपने पति को कंपनी से लेने आयी हूँ। यदि आप उन्हें कुछ भी पीड़ा पहुंचाये बिना घर ले जाने दोगे, तो ही में उन्हें ले जाऊँगी। - उनके नेता ने आश्चर्यजनक रूप से संमति दी। हमको घर तक छोड़ा। कंपनी के मैनेजर से मिलकर मेरे पति को बुलाया और हम दोनों सुरक्षित घर आये। ____ हमारे परिवारजनों को पता चला। सभी मुझे उपालम्भ देने लगे कि, 311
SR No.032466
Book TitleJiske Dil Me Navkar Use Karega Kya Sansar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahodaysagarsuri
PublisherKastur Prakashan Trust
Publication Year2000
Total Pages454
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size35 MB
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