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________________ - जिसके दिल में श्री नवकार, उसे करेगा क्या संसार? - तब उसने मुझे विस्तार से बताया कि, 'साहब, इन दो दिनों में आप पंलग बिछाकर जहाँ सोये थे, उससे 15-20 फीट दूरी से एक बाघ हमेशा गुजरता था। यह उसका नियमित मार्ग है। अंधेरा होते यह बाघ शेमोर के पर्वत में से निकलकर तारंगा के पर्वत के पीछे के भाग में जाता है। जल्दी सवेरे वापिस शेमोर के पर्वत में चला जाता है। यह उसका नित्यक्रम है। आगे के भाग में तारंगाजी का देहरा होने से यात्रालुओं के आने-जाने के कारण से उस ओर नहीं जाता है। जल्दी सवेरे वापिस घुम जाता है। चौकीदार की बात सुनकर मैं तो भयभीत हो गया। मैंने पूरी दो रातें मौत से दस कदम दूर खुले मैदान में बीतायी थीं। मैं इस विचार से कांप उठा। किन्तु दूसरे ही पल में स्वस्थ हो गया। बचपन में जैन शाला में मेरे प्रिय गुरुजी की सीखायी, '21 नवकार गिनकर सोने से तुम्हें कोई भय नहीं लगेगा, सांप, बिच्छू, या बाघ, सिंह जैसे जंगली प्राणी भी तुम्हें नहीं मार सकते,' यह बात अक्षरशः सत्य थी। एक बार फिर मेरे अरिहंत की याद में मेरा सिर झुक गया। युगों से करोड़ों लोगों ने, साधु-सन्तों एवं श्रावकों ने जिस नवकार मंत्र का जाप या स्मरण किया, वह मंत्र कितना महान! उसके एक-एक अक्षर में दिव्य शक्ति रही हुई है। जिसका जाप करोड़ों अरबों बार मानवों के मुंह से बोला हुआ है, अखिल ब्रह्मांड में जिसकी आवाज निरन्तर गूंजती रहती है, यह नवकार मंत्र अद्भुत मंत्र है। लेखक-श्री जयंति डी. शाह 56/2 सारिका, सम्राट नगर, इसनपुर, अहमदाबाद, 382443 | नवकार हृदय परिवर्तन करे, नवकार ही औषधि बने | कुछ समय पहले की बात है। हमने एक बिल्डर के पास से एक फ्लेट बुक करवाया। हमने रुपये भरे और दस्तावेज बनाकर जगह ली। फिर हम अच्छे दिन पूजा कर घर के दरवाजे पर नवकार मंत्र और प्रभुजी 305
SR No.032466
Book TitleJiske Dil Me Navkar Use Karega Kya Sansar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahodaysagarsuri
PublisherKastur Prakashan Trust
Publication Year2000
Total Pages454
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size35 MB
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