SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 320
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ -जिसके दिल में श्री नवकार, उसे करेगा क्या संसार? - उपकारी गुरुदेव श्री की निश्रा में उपधान तप कर मोक्ष माला का परिधान किया। उन्होंने श्रावक के 12 व्रतों में से कितने ही व्रत-नियम स्वीकार किये। परिग्रह का परिमाण किया। सरकारी विभाग में वर्षों तक चौकीदार के रूप में नौकरी करने के बाद खेतीबाड़ी की। खेतीबाड़ी में भी जीवदया का विशेष लक्ष्य रखने लगे। खानदानी कुल में पैदा हुए सन्तानों को भी आज के टी.वी युग में माता-पिता के पैर छूते शर्म आती है, वहाँ 60 वर्ष के लालुभा आज भी प्रतिदिन अपने माताजी के अवश्य पैर छूने में गौरव एवं आनन्द का अनुभव करते हैं। वे जब भी ट्रेन्ट से विरमगाम जाते हैं, तब वहाँ जो भी जैन मुनिवर हों, उनको भावपूर्वक वंदन कर व्याख्यान सुनते हैं और चातुर्मास के दौरान वहाँ जो भी तपश्चर्या चलती हो उसमें जुड़ जाते हैं। उन्होंने धार्मिक सूत्रों में गुरु वंदनविधि के सूत्र तथा सामायिक लेने एवं पालने की विधि के सूत्र कंठस्थ किये हैं। ___ व्याख्यानादि में जो भी अच्छा सुनें उसे तत्काल अमल में लाने की वृत्ति वाले लालुभा ने सं. 2042 में अंधेरी में पर्युषण पर्व के दौरान अपने उपकारी गुरुदेव श्री के मुख से क्षमापना के बारे में व्याख्यान सुना और तत्काल अपने प्रतिस्पर्धी चैयरमेन के वहाँ सामने से जाकर क्षमापना कर उन्हें खमाया। यह देखकर चैयरमेन भी आश्चर्यचकित बन गये और वे सदा के लिए लालुभा के खास दोस्त बन गये। नवकार और धर्मनिष्ठा के प्रभाव से लालुभा के जीवन में घटी चमत्कारिक घटनाएं : (1)खून की उल्टी बन्द हुई:- प्रतिदिन के क्रम के अनुसार लालुभा मौनपूर्वक सामायिक कर रहे थे, तब उनके घर आये उनके भानजे को अचानक खून की उल्टी होने से परिवार जन खूब घबरा गये। उसे अहमदाबाद अस्पताल में ले जाने की तैयारी करने लगे। तब नवकार मंत्र के प्रति गजब की निष्ठा रखते लालुभा ने मौनपूर्वक इशारे से गरम | (अचित्त) पानी मंगवाया और एक पक्की नवकार की माला का जाप कर 293
SR No.032466
Book TitleJiske Dil Me Navkar Use Karega Kya Sansar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahodaysagarsuri
PublisherKastur Prakashan Trust
Publication Year2000
Total Pages454
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size35 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy