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________________ - जिसके दिल में श्री नवकार, उसे करेगा क्या संसार? 'काका मंतर तो आपको आता है, 44 कहा, न!" चुपचाप खड़े लड़कों के टोले में से सभी कहते हैं, 'काका आप ही जहर 44. पड़ेगा। " आप सांप का जहर उतार दो जोर से बड़ी आवाज फूट पड़ी। उतारो ना, आपको उतारना ही इतने शोर से पलंग उठाकर जाते वे लोग रुक गये। एक दो लड़के दौड़कर उन्हें बुला लाये। लड़कों ने अब जिद्द पकड़ ली थी, काका को अब कुछ करना ही पड़े वैसा ही था, इसके बिना लड़के उनका पीछा छोड़ें वैसे नहीं थे। जयरामभाई ने मुख्य मार्ग को छोड़कर, पास के खेत में पलंग ले लेने की ने सूचना दी । लड़कों का टोला भी छोर पर से खेत में घुसा और बीच में रखे पंलग से थोड़े दूर सभी गोला बनाकर खड़े रह गये | M जयरामभाई ने कभी ऐसा प्रयोग किया नहीं था। वे जहर उतारने का गारूड़ी मंत्र भी नहीं जानते थे, किन्तु इन्हें नवकार मंत्र पर गजब की श्रद्धा थी। इन्होंने इष्टदेव का स्मरण कर नवकार मंत्र पढ़ना शुरू किया। सभी देखने वालों की जैसे सांस रुक गयी थी। सभी देखने वाले जैसे निष्प्राण पुतलों की तरह खड़े थे। हवा रुक गयी थी। पक्षी भी जैसे चहचहाहट भूलकर अनुशासित रुप से चुपचाप खड़े मानव टोले को सहकार दे रहे थे। जयरामभाई के होठ हिल रहे थे, किन्तु मन्त्रोच्चार मन में होता था । स्तब्ध और चित्रवत् बनी हुई इस सृष्टि में थोड़ी देर बाद कुछ संचार हुआ। पंलग में सिर पर वस्त्र ओढ़ाया हुआ वह सोया हुआ लड़का जैसे थोड़ा हिला । फिर थोड़ी देर में उसने करवट बदली, और उसके बाद अचानक खड़ा होकर उल्टी करने लगा। कितनी ही देर तक वह उल्टियाँ करता रहा। थोड़ी देर उसकी आंखें स्थिर हो गयीं। वह वस्त्र से मुंह पोंछकर पंलग पर से खड़ा हुआ । उसका जहर उतर गया था। आज भी जयरामभाई को तो यह सब किस प्रकार बना वह आश्चर्य रूप ही लगता है। किन्तु उस समय जो बच्चे थे और अब बड़े 255
SR No.032466
Book TitleJiske Dil Me Navkar Use Karega Kya Sansar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahodaysagarsuri
PublisherKastur Prakashan Trust
Publication Year2000
Total Pages454
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size35 MB
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