SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 214
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ -जिसके दिल में श्री नवकार, उसे करेगा क्या संसार? - कमली का भयंकर कष्ट टला मेरे पेट में वि.सं. 2026 में तीव्र शूल की वेदना हुई। ऐसे तो बारह महिने पूर्व से भूख नहीं लगती थी। डॉक्टर को बताने पर उसने कहा कि लीवर में सूजन है। दस इंजेक्शनों का कोर्स लेना पड़ेगा। किंतु छोटे गांव में रहने के कारण चार कोस दूर डॉक्टर के पास इंजेक्शन लगाने जाना पड़ता था। बस आदि का साधन आने-जाने के लिए नहीं था। घर पर डॉक्टर बुलावें तो खर्च भारी पड़ता था, इस कारण मैंने उपेक्षा की। मेरी कम भूख के कारण उपवास आदि तपस्या अच्छी तरह से होने लगी। जिससे मैं बीस-स्थानक के उपवास आदि करती थी। इससे मुझे ठीक लगता था। किंतु बाद में एक दिन मेरा पूरा शरीर जकड़ गया। पेट में थोड़ा दर्द शुरू हुआ और थोड़े ही दिनों बाद तीव्र वेदना होने लगी। मांडवी वगैरह बड़े गांवों में डॉक्टरों को बताने पर उन्होंने कहा कि, "ऑपरेशन करवाना पड़ेगा। उसके लिए भी मुम्बई या अहमदाबाद जाओ। यहां हमारा काम नहीं।" अब मेरे लिए बहुत बड़ी मुश्किल खड़ी हो गई। मेरे पतिदेव मध्यप्रदेश में नौकरी करते थे, जिससे उन्हें तार करके बुलाया। उनको आने में लगभग दस दिन निकल गये। किंतु इतने दिनों में शल की तीव्र वेदना खूब चालु रही। मेरे मन में विचार आया कि, "मुंबई जाकर ऑपरेशन कराऊं और शायद मर भी जाऊँ तो अस्पताल में मुझे नवकार सुनाने वाला भी कोई नहीं मिलेगा।" ___मांडवी के पास कच्छ कोडाय गांव में मेरे परमोपकारी योगनिष्ठा गुरुवर्या श्री गुणोदयश्रीजी म. सा. का चातुर्मास था। आषाढ़ माह के दिन थे। बरसात लगातार बरस रही थी। मांडवी अस्पताल में से वापिस गांव जाना ओर वहां से फिर मुम्बई के लिए रवाना होना बहुत ही मुश्किल होने से मैंने अपने पुत्रों को कहा कि -"मुझे यहां से गुरुवर्याजी के पास ले चलो। तुम्हारे पिताजी आयें तब तक मुझे वहीं रहना है। वहां में अंतिम समय की सभी विधि कर लँ. क्योंकि अब मुझे इस बीमारी में से बचने) 187 .
SR No.032466
Book TitleJiske Dil Me Navkar Use Karega Kya Sansar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahodaysagarsuri
PublisherKastur Prakashan Trust
Publication Year2000
Total Pages454
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size35 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy