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________________ ज्योतिष एवं गणित योगीके दर्शन करनेसे लौकिक कार्योंमें सफलता मिलती है । उपदेश सुनाई पड़े तो यश प्राप्ति तथा प्रेमिका मिलन होता है । ४२७ यदि स्वप्न में योगीका रक्त- यदि अपने शरीरसे रक्त निकलता हुआ स्वप्न में दिखाई दे तो दैनिक कार्योंमें व्यतिक्रम एवं अन्य के शरीरसे रक्त निकलता हुआ दिखाई पड़े तो दैनिक कार्य सुचारु रूपसे सम्पन्न होते हैं । साधारणतया रक्त दर्शनका स्वप्न अच्छा होता है । मतान्तर से रक्तके दर्शन होनेसे रोग की सूचना समझनी चाहिये । रंग - स्वप्न में रंगोंके देखनेसे अपमान होता है । साधारणतया हरे रंगका दर्शन स्वप्न में सम्मान सूचक बताया गया है । रंगके स्वप्नका सम्बन्ध मानापमानसे है । रोना - स्वप्न में अपनेको रोते हुए देखनेसे तीन महीनेके भीतर अकस्मात् चोट लगती है । और दूसरेको रोते हुए देखनेसे किसी निकट सम्बन्धीको भयङ्कर बीमारी होती है जिससे उसे बहुत कष्ट होता | स्वप्न में बच्चेको रोते हुए देखनेसे सन्तति कष्ट और वृद्धको रोते हुए देखने से कुटुम्बियों को कष्ट होता है । ललितकला -- यदि स्वप्न में अपनेको ललित कलाओं - वास्तु, मूर्ति, चित्र, काव्य और संगीत कलाओं का निर्माण करते हुए देखे तो कुछ समय के बाद अच्छा कलाकार होता है । कलाकारके लिये यह अत्यावश्यक है कि वह स्वप्न में अभीष्ट कलाके दर्शन करे। प्राचीन स्वप्न सिद्धान्त के अनुसार अदृश्य शक्ति कलाकारको भविष्यकी सूचना देकर कलाविद् होनेके लिये प्रेरित करती है । लोथो - यदि स्वप्न में लीथो - पत्थरका छापा जिसपर हाथसे लिख कर अक्षर या चित्र छापे जाते हैं, दिखाई पड़े तो मनुष्य कम्पोजीटर या प्रेस संचालक बनता है। इस स्वप्नका फल तभी सत्य होता है जब लगातार दस-बारह दिन तक आता रहे । लुटिया - यदि स्वप्न में जलसे भरी हुई लुटियाके दर्शन हों तो कहीं शीघ्र यात्रा करनी पड़ती है, जिसमें नाना प्रकारके कष्ट सहन करने पड़ते हैं । मतान्तरसे जल-भरी लुटियाका दर्शन लाटरी से धन प्राप्त करनेकी सूचना देता है । लुहार - यदि स्वप्नमें काम करते हुए लुहारको देखे तो वायुयानके कारखाने में काम करनेकी सूचना समझनी चाहिये । साधारणतया यह स्वप्न सैनिक बनने की सूचना देता है । लूता - यदि स्वप्न में लूता - मकड़ी काटती हुई दिखाई पड़े तो भयानक रोग होता है । मतान्तरसे कोई विद्वेषी दर्शकको विषपान कराता है । लोह - यदि स्वप्न में लोहा दिखलाई पड़े तो तीन महीनेके बाद सुवर्णकी प्राप्ति समझनी चाहिये । लोहेके अस्त्र तथा लोहेकी अन्य चींजोंके दर्शन हों तो देशके ऊपर किसी प्रकारकी विपत्तिकी आशंका समझनी चाहिये । वनगज - यदि स्वप्त में वनगज दिखाई पड़े तो घरमें सन्तानकी उत्पत्ति होती है । यदि मदोन्मत्त वनगज इधर-उधर भागता हुआ दिखाई पड़े तो गर्भ स्राव हो जाता है । साधारणतया गजके दर्शन स्वप्नमें श्रेष्ठ होते हैं ।
SR No.032458
Book TitleBharatiya Sanskriti Ke Vikas Me Jain Vangamay Ka Avdan Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNemichandra Shastri, Rajaram Jain, Devendrakumar Shastri
PublisherPrachya Shraman Bharati
Publication Year2003
Total Pages478
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size13 MB
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