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________________ ज्योतिष एवं गणित ४२५ है। भूखे व्यक्तियोंको चारों ओर भ्रमण करते हुए देखनेसे प्रेमिकाका रुष्ट होना प्रकट होता है तथा एक महीनेके लिये आर्थिक कष्ट होता है । भूखसे अत्यन्त विह्वल होकर भिक्षा मांगते हुए अपनेको देखनेसे भारी विपत्ति आती है । अत्यन्त भूखसे पीड़ित होकर रोना-चिल्लाना देखनेसे किसी बड़े नेताको मृत्यु होती है। जी० एच० मिलरके मतसे भूखे मनुष्यका स्वप्नमें दर्शन करनेसे शोघ्र विवाह होता है । मगर-स्वप्नमें मगर देखनेसे युद्ध क्षेत्रमें १० दिनके बाद जाना पड़ता है । यदि भूला मगर खानेको दौड़ता हुआ दृष्टिगोचर हो तो भयङ्कर बीमारी बाती है । मगरके साथ क्रीड़ा करते हुए देखनेसे नाना प्रकारकी विपत्तियोंका सामना करना पड़ता है। मछली-स्वप्नमें मछलीका दर्शन शुभ फलदायक होता है । यदि पानीमें तड़फड़ाती हुई मछलीका दर्शन स्वप्नमें हो तो हानि; मछली बेचनेवालेकी दुकानपर दर्शन हो तो लाभ और रास्ते में ले जाते हुए अन्य व्यक्तिको देखनेसे कार्यमें सफलता मिलती है। मतान्तरसे मछली का स्वप्न विवाहका सूचक है, पर इस स्वप्नमें दो मछलियोंके दर्शन अपेक्षित है। मक्किल-स्वप्नमें मवक्किलके देखनेसे घरमें सन्तान लाभ होता है। यदि रुपये देते हुए किसी मवक्किलको वकीलसे बातें करते हुए देखे तो अपमान और धन हानि होती है। साधारणयता मवक्किलका स्वप्न शुभ फलप्रद होता है । मवेशी-स्वप्नमें मवेशी देखनेसे भाईकी उन्नति होती है । यदि मवेशी स्वप्न में बीमार दिखलाई पड़े तो पुत्रको बीमारीकी सूचना समझनी चाहिये । गाय, हाथी, घोड़े आदि पालतू मवेशीके देखनेसे श्रेष्ठ फल होता है । मशान-स्वप्नमें मशान भूमिके दर्शन हों तो घरमें होने वाली कलहकी सूचना समझनी चाहिये । यदि मशान भूमिमें अधिक मनुष्योंकी भीड़ दिखलाई पड़े तो घरमें उत्सव होता है। मस्विर-स्वप्नमें मस्जिद देखनेसे धार्मिक कार्योंमें उत्साह होता है। यदि रंगीन, बेलबूटोंसे चित्रित मसजिद स्वप्नमें दिखलाई पड़े तो किसी बड़ी भारी विपत्तिकी सूचना समझनी चाहिये। मस्तक-यदि स्वप्नमें मस्तकमें दर्द हो तो शारीरिक कष्टको सूचना समझनी पाहिये । आधे मस्तकमें दर्दका अनुभव हो तो आगामी विपत्तिकी सूचना समझनी चाहिये । माता-स्वप्नमें आदर्श माके दर्शन हों तो कार्यमें सफलता मिलती है और माताके साथ वार्तालाप हो तो युद्धमें विजय, लाटरीसे धन लाभ होता है । यदि माता मस्तकपर हाथ रख कर कुछ आदेश दे तो वह यथार्थ निकलता है । माला-स्वप्नमें सुन्दर मालाके दर्शन हों तो कामिनियोंके दर्शन, आलिंगन और वार्तालापका सुख प्राप्त होता है । माला धारण करनेसे विवाह शीघ्र होता है, नये उत्सवों में जाना पड़ता है । यदि कोई अपने गलेकी माला उतार कर अर्पित करे तो १० महीने के भीतर मृत्युकी सूचना समझनी चाहिये । मुरझाई हुई माझाका दर्शन बीमारीकी सूचना देता है।
SR No.032458
Book TitleBharatiya Sanskriti Ke Vikas Me Jain Vangamay Ka Avdan Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNemichandra Shastri, Rajaram Jain, Devendrakumar Shastri
PublisherPrachya Shraman Bharati
Publication Year2003
Total Pages478
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size13 MB
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