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________________ ४२४ भारतीय संस्कृतिके विकासमें जैन वाङ्मयका अवदान दुर्घटना-स्वप्नमें दुर्घटना देखनेसे इस बातकी चेतावनी मिलती है कि यात्रा करना बन्द कर देना चाहिये, यात्रा तीन महीने तक प्राणान्त करने वाली होती है । धनदौलत-स्वप्नमें स्वयं धन दौलत देखनेसे प्रकट होता है कि अपने दृढ़ अध्यवसायसे उद्योगमें अपरिमित धनकी प्राप्ति होगी। दूसरे आदमीको धन प्राप्त करते हुए देखनेसे ज्वर आनेका भय रहता है । पा-स्वप्नमें धुंआ देखना अत्यन्त हानिकारक होता है। इस स्वप्नका फल चिन्ता, भय, प्रेमिका वियोग, धन हानि एवं कार्य-असफलता है । नट-नाचते हुए नटको स्वप्न में देखनेसे पिताको कष्ट एवं मित्रकी मृत्यु होती है। साधारण रूपसे नटको देखनेसे शुभ फल होता है । पवंत-स्वप्नमें पर्वतके ऊपर चढ़ना देखना शुभ फलदायक है; शिखर पर चढ़कर ऊपर ही रह जाना देखनेसे सहस्रों रुपयेकी आमदनी होती है और नीचे गिर कर देखनेसे बहुत कष्ट होता है तथा व्यापारमें सैकड़ों रुपयेकी हानि होती है । बाण-स्वप्नमें बाण देखनेसे सुख, आदर, आतिथ्यलाभ एवं त्योहार आदिमें आनन्दोल्लास होता है । रोग, दुःख एवं निराशाका नाश होता है। पुराना टूटा बाण देखनेसे प्रेम और उद्योगमें बाधा आती है तथा प्रेमिकासे अपमान सहन करना पड़ता है । बाण चलाना देखनेसे घरेलू युद्ध होता है । बालक-स्वप्नमें रोते हुए बालकको देखनेसे बीमारी और निराशा होती है । मतान्तर से पांच माहकी लम्बी बीमारीका सामना करना पड़ता है । तेजस्वी और स्वस्थ बालकको देखनेसे प्रेमके बदले प्रेम मिलता है तथा मित्रोंसे बधाइयाँ मिलती हैं । यदि कोई स्त्री स्वप्नमें किसी बच्चेका लालन-पालन करती हुई अपनेको देखे तो उसे यह समझना चाहिये कि जिसपर वह विश्वास करती है उसीसे ठगी जायेगी एवं उसका प्रेमी गुप्त रूपसे किसी अन्यके साथ प्रेम करता है जिसका भण्डा-फोड़ शीघ्र ही होने वाला है। मतान्तरसे बच्चे के साथ प्रेम करते हुए अपनेको देखना सन्तानदायक बताया गया है । बैल-यदि स्वप्नमें सुन्दर श्वेत वर्णके बैलके दर्शन हों तो दुश्मनोंकी चालबाजीसे अच्छे मित्र रक्षा करते हैं तथा शरीर नीरोग रहता है। बैलके साथ क्रीडा करते हुए अपनेको देखनेसे पन्द्रह दिनके भीतर लाटरीमें धन मिलता है । रुपये पैसोंसे बैलकी पूजा करना देखनेसे जमीनके मीचेसे धनको प्राप्ति होती है। भयभीत-स्वप्नमें अपनेको भयभीत देखनेसे प्रवास होता है तथा किसी बड़े कार्यमें असफलता मिलती है । बन्धुओं और मित्रोंसे विरोध होता है मिक्षा-स्वप्नमें क्रुद्ध होकर भिक्षा देना या लेना देखनेसे निन्दा होती है। प्रसन्नता पूर्वक भिक्षा देना और लेना देखनेसे तीन दिन आनन्द पूर्वक व्यतीत होता है; मतान्तरसे यह स्वप्न साधारण है, इसलिये इसका कोई विशेष फल नहीं बताया गया है । भूता-स्वयं अपनेको स्वप्नमें भूखा देखना घरमें सुख और सन्तोषके अभावको प्रकट करता है तथा प्रेमियों के लिये ऐसा स्वप्न देखनेपर विवाहोपरान्त शीघ्र ही विवाह विच्छेद होता
SR No.032458
Book TitleBharatiya Sanskriti Ke Vikas Me Jain Vangamay Ka Avdan Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNemichandra Shastri, Rajaram Jain, Devendrakumar Shastri
PublisherPrachya Shraman Bharati
Publication Year2003
Total Pages478
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size13 MB
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