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________________ क्रमांक २ श्रावक संस्मरण परिशिष्ट १. थे म्हाने भला लजाया २. जा रे पंजार्या ३. मौने लंगूरियो कह्यौ ४. इम हीज हालता था के ? ५. भरभोलिया री माला समान ६. दीवौ किया अंधारी मिट ७. चोखौ मारग किण रौ ? ८. अन्न पुन्ने म्हांरै नै वस्त्र पुन्नै थार ९. लाडू देई भाटी उरहो लियो, उणनें कांई थयौ ? १०. थां बिचै म्हे वधता ठहर्या ११. कर्म कितरा ? १२. कूटणी कठे है ? १३. इसी प्रश्न तो कबहु न सुण्यो १४. नव तत्त्व ओळखणा बिनां समकत किम आवे ? १५. इसा मानवी थोड़ा १६. जीव रौ अजीव थयो कांई ? १७. सुभ जोग संवर किस न्याय ? १८. धर्म हुवी के पाप ? १९. साहमीवच्छल नै क्यूं निषेधो ? २०. ऊ वैद्य बुद्धिहीण २१. किसी लेस्या रा लखण है ? २२. डोरी राख्यां पिण दोष ? २३. दोय तो म्हैं कह्या, आगे थे कहो २४. मैं पूरिया ई पूरिया है २५. थुकमथुक्का, धक्कमधक्का पर्छ छक्कमछक्का परिशिष्ट ३ फुटकर संस्मरण राजस्थानी पृष्ठांक १. वचन तौ तीखो पाळ्यो २. बचावो तो थे ई कोई नहीं ३. एक आळ्यौ फेर चाहिजै ४. तूंतरा - तूंतरा करने बिखेर दां ५. फकीर वालो दुपटी ६. बड़ो कर्म है नाम को २६३ २६३ २६३ २६३ २६४ २६४ २६४ २६४ २६५ २६५ २६५ २६६ २६७ २६७ २६७ २६८ २७० २७० २७० २७० २७१ २७१ २७१ २७२ २७२ २७७ २७७ २७७ २७८ २७८ २७९ इकतीस हिन्दी पृष्ठांक २९७ २९७ २९७ २९७ २९८ २९८ २९८ २९८ २९८ २९९ २९९ २९९ ३०० ३०१ ३०१ ३०१ ३०३ ३०३ ३०४ ३०४ ३०४ ३०४ ३०५ ३०५ ३०५ ३०८ ३०८ ३०८ ३०८ ३०९ ३१०
SR No.032435
Book TitleBhikkhu Drushtant
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJayacharya, Madhukarmuni
PublisherJain Vishva harati
Publication Year1994
Total Pages354
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size21 MB
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