SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 131
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ 120 वरंगचरिउ पुणु तियसपत्ति तहि विहिउ रम्म वरतियहि रूउ किउ चक्ख' गम्मु। तहो धम्मपरिक्ख वियार णत्थि मयणुक्को वणि णं णाय इत्थि। अइ णिविड पयोहरकठिणतुंग णं मणसिय कीडण गिरिउयंग। विवाहर सण्णिह दीहणयण मुणिवर मणमोहणि चारुवयण। वरकीरणास पयणेउराई रणकण कुणंति पुणु घुग्घुराइ। सालंकारी णं सुकय गाह विरहीयण हियइ देहदाह । सा पिक्खिय कुमरें चारुगत्तु बुज्झिय किं सुंदरि इत्थु पत्तु। को णयरु तुहारउ कवणु ताउ भणु-भणु वयंसि महु साणु राउ। ता वुल्लिय कवडें हरिस जुत्ति हउं खयर णराहिव तणिय पुत्ति। अवराहें विणु ताएण चत्त वणि णिवसमि संपइ इत्थ पत्त। एवहि सुंदरु महु ताहि-ताहि हउं खज्जमि गरुयइ मयण वाहि। हउं तुह कामिणी तुह" मज्झु कंतु रइसुहु लहु विलसहि मुत्तिसंतु। जं तुह मंगहि तं हउं वि देमि वरगाढालिंगणु मज्झु लेमि। तुह पिक्खिवि हउं णेहेण बद्ध जिह आसिसु लोयण जय सणिद्ध । म चिरावहि लहु णियभज्ज करहि संखेवहि मंडउ रइवि वरहि। घत्ता-तं णिसुणिवि जंपइ पवर भडु पई जंपियउ अजुत्तउ। सप्पुरिसह एहु ण कज्ज वरु रिसिणा एउ पउत्तउ।।दुवई।। दुवई-मइ सावय वयाइ, वरगहियइ,चिरू पणवेवि गणहरो। वरदत्तहो पसिद्ध मुणिसामिउ हय पज्जु ण दुद्धरो।।२।। 3 ते वयणउ मुक्कमि पाणअंति वयभंगें णरु दुग्गइ पडंति। इह भवि पररमणी रमणराउ णउ करमि वप्प' मण-वयण-काउ। जे जड परवणिया अहिलसंति ते पाविय णरयावणि वसंति। परमुद्ध पउखंडू समाणु अहवा किं पावह लइ पमाण। जो रसइ तासु पाणहरु होइ तो पुणु कामंधु ण मुणइ कोइ। जइ अंगु डहिज्जइ वरहुयासु अहवा गलि धरियइ गाइ पासु। तो वर खलु इह भवि होइ दुक्खु लंपडु भवि-भवि णउ लहइ सुक्खु। अहवा पइ उत्तउ एहु वयणु जणु ण मुणइ किज्जइ पाणिगहणु। तो तक्कर दोसु वि मुज्झु होइ धिक्कारउ पावमि सयललोइ। 1. A,K,N, चख 2. N, सणिह 3. K, राई 4. K,देइदाह 5. A, वुज्झिय 6. K, तुहं 7. K, भडु 8.A,K, साप्पुरिसह-यह शब्द व्याकरण की दृष्ठि से गलत है 9. K, सावद्य 1.A,K, चप्प 2.A,N, पइं 3.A,K, मुब्भु 2. 3.
SR No.032434
Book TitleVarang Chariu
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSumat Kumar Jain
PublisherKundkund Kahan Parmarthik Trust
Publication Year
Total Pages250
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size23 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy