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________________ 180/ स्वरूप-संबोधन-परिशीलन श्लो. : 21 श्लोक'-21 उत्थानिका- शिष्य गुरुदेव से प्रार्थना करता है- भगवन्! निज शुद्धात्म-स्वरूप की प्राप्ति के लिए और क्या करना होगा? ....स्वयं प्राप्ति की तृष्णा करने से क्या स्वरूप प्राप्त हो पाएगा? ....... समाधान- आचार्य-भगवन् समाधान करते हैं तथाप्यतितृष्णावान् हन्त! मा भूस्त्वमात्मनि। यावत्तृष्णा प्रभूतिस्ते तावन्मोक्षं न यास्यसि ।। अन्वयार्थ- (हन्त!) हे आत्मन!, (तथापि) ऐसा आत्म-चिन्तवन होने पर भी, (त्वम्) तुम, (आत्मनि) अपने विषय में भी, (अति-तृष्णावान्) अत्यन्त तृष्णा से युक्त, (मा भूः) मत होओ, क्योंकि, (यावत्) जब-तक, (ते) तुम्हारे/अन्तस् में, (तृष्णा प्रभूतिः) तृष्णा की भावना उत्पन्न होती रहेगी, (तावत्) तब-तक (तुम) (मोक्ष) मोक्ष, (न यास्यसि) नहीं पा सकोगे । |21|| परिशीलन- तृष्णा एक ज्वाला है, जो ईंधन-रूपी घृत के डालने से शान्त नहीं होती, अपितु वृद्धि को ही प्राप्त होती है, नदियों से जिसप्रकार समुद्र तृप्त नहीं होता, उसीप्रकार वस्तु की प्राप्ति से तृष्णा शान्त नहीं होती, अपितु वृद्धि को ही प्राप्त होती रहती है, वह पदार्थ चाहे परमार्थभूत हो, चाहे लौकिक । जीव की इच्छा कभी पूरी नहीं होती, एक के बाद एक वृद्धि को प्राप्त होती रहती है। ज्ञानियो! लहरें चाहे खारे समुद्र में हों, चाहे क्षीर-सागर में, पर लहरों के मध्य सागर में पड़ा मोती दिखायी नहीं देता, उसीप्रकार तृष्णा चाहे विषयों की हो, चाहे स्वानुभव की, पर तृष्णा के काल में चित्त में चैतन्य की झलक प्राप्त नहीं होती, स्थिर पानी में ही मोती दिखायी पड़ता है, स्थिर चित्त में ही भगवती आत्मा का दर्शन होता है। चित्त की लहरों का स्तम्भन करो, जैसे- एक मंत्रवादी रक्त-नयन काले नाग को अपने मंत्र से क्षण-मात्र में स्तंभित कर उसे पकड़ लेता है और उसके अंदर से मणि को निकाल लेता है, उसीप्रकार आत्म-साधक विषयों में लगे हुए नयनों अर्थात् रक्त-नयन वाले इस चित्त-रूपी 1. इस श्लोक का पाठान्तर निम्न प्रकार है तथाप्यतीव तृष्णा वा, हन्त! मा भूत तवात्मनि। यावत् तृष्णा प्रसूतिः स्यात्, तावन्मोक्षं न यास्यसि ।।
SR No.032433
Book TitleSwarup Sambodhan Parishilan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVishuddhasagar Acharya and Others
PublisherMahavir Digambar Jain Parmarthik Samstha
Publication Year2009
Total Pages324
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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