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________________ जंतुओं की उत्पत्ति १६ दिसम्बर मछलियों का जन्म १९ दिसम्बर पक्षियों का जन्म २७ दिसम्बर मनुष्य की उत्पत्ति ३१ दिसम्बर चार्ल्स डार्विन द्वारा लिखित 'ओरिजिन ऑफ स्पेसीस' में दिये चार्ट के अनुसार कॉस्मोलोजिकल निम्न प्रकार है। धरती में विस्फोट करीब ५ अरब वर्ष पूर्व जीवन की शुरुआत और करीब ३.५ अरब वर्ष पूर्व बेक्टीरिया की उत्पत्ति ऑक्सीजन का निर्माण करीब १.७ अरब वर्ष पूर्व। बहुकोशीय प्राणी आदि का सृजन ७० करोड़ वर्ष पूर्व जंतुओं की उत्पत्ति ३८ करोड़ वर्ष पूर्व सस्तन प्राणियों (Mammals) की उत्पत्ति करीब २१ करोड़ वर्ष पूर्व। डाइनोसोर का प्रभुत्व करीब १३ करोड़ वर्ष पूर्व। आदि मानव की उत्पत्ति करीब १ करोड़ वर्ष पूर्व। __ उपर जो कालमान का वर्णन है। जैनागम के अनुसार अवसर्पिणी काल जैसा ही है। प्रथम आरे का नाम सुषम-सुषमा और उसका कालमान चार कोड़ा-कोड़ी सागरोपम प्रमाण है। अर्थात ४.०x१०१४ सागरोपम और एक सागरोपम अर्थात दस कोड़ा-कोड़ी पल्योपम अथवा १०१ पल्योपम। संक्षिप्त में प्रथम सुषम-सुषमा आरा का कालमान ४.०x१०२९ पल्योपम जितने वर्ष होते हैं। एक पल्योपम में जितने वर्ष होते हैं उन्हें आंकड़ों में व्याख्यायित करना असंभव है इसलिये शास्त्रकारों ने असंख्यात वर्ष कह कर समझाया है। दूसरे आरे का नाम सुषम है उसके वर्षों की संख्या ३.०x१०२९ है। तीसरे का सुषम-दुषम है उसकी वर्ष संख्या २४१०२९ पल्योपम है। चौथा दुषम-सुषमा का कालमान ४२ हजार वर्ष कम १४१०२९ पल्योपम वर्ष। दुषम नामक पांचवें आरे की स्थिति २१,००० वर्ष, छठे की भी २१,००० .. हजार वर्ष है। इसके विपरीत उत्सर्पिणी का समय है। दोनों को मिलाकर २.०x१०३० पल्योपम जितना काल आता है। .१७६८ - जैन दर्शन का समीक्षात्मक अनुशीलन
SR No.032431
Book TitleJain Darshan ka Samikshatmak Anushilan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNaginashreeji
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year2002
Total Pages280
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size18 MB
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