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________________ महावीरकालीन अन्य मतवाद 205 जानने से क्या लाभ? दूसरी विचारधारा के अनुसार ज्ञान सब समस्याओं का मूल है, इसलिए अज्ञान ही श्रेयस्कर है। चूर्णिकार ने मृगचारिका की चर्या करने वाले, अटवी में रहकर पुष्प और फल खाने वाले त्यागशून्य संन्यासियों को अज्ञानवादी कहा है (सूत्रकृतांगचूर्णि, पृ. 207 [542])। शीलांक के अनुसार अज्ञानवादी कहते हैं-अनेक दर्शन हैं और अनेक दार्शनिक। वे सब सत्य जानने का दावा करते हैं, किन्तु सबका जानना परस्पर विरोधी अथवा असंगत होने के कारण तथ्य परक नहीं है, इसलिए वह सत्य नहीं है। इसलिए ज्ञान के बदले अज्ञान ही उत्तम है, ज्ञान की परिकल्पना अपेक्षित नहीं है, समग्र लोक में जितने प्राणी हैं उनमें से कुछ भी सम्यक् यथार्थ या ठीक-ठीक नहीं जानते। अतः अज्ञान ही श्रेयस्कर है (सूत्रकृतांगवृत्ति, पत्र-35 [543])। इस प्रकार वे अज्ञान को ही सर्वकल्याणकारी मानते हैं। प्रस्तुत विचारों के प्रकाश में उक्त अवधारणा को बौद्ध ग्रन्थों के आधार पर महावीर के समकालीन सञ्जयवेलट्ठिपुत्त' के अज्ञानवाद या संशयवाद भी कह सकते हैं। दीघनिकाय में संजय के अनिश्चयवाद का निरूपण इस प्रकार मिलता है-यदि तुम पूछो कि क्या परलोक है तो यदि मुझे ज्ञात हो कि वह होता है तभी तो मैं तुम्हें बतलाऊँ कि परलोक है। मैं ऐसा भी नहीं कहता, मैं वैसा भी नहीं कहता, अन्यथा भी मैं नहीं कहता। मैं यह भी नहीं कहता कि वह नहीं है। मैं यह भी नहीं कहता कि वह नहीं नहीं है। परलोक नहीं है, परलोक नहीं नहीं है, परलोक है भी और नहीं भी। ...परलोक न है और न नहीं है। ......औपपातिक सत्व प्राणी है .... औपपातिक सत्व प्राणी नहीं है ..... हैं भी और नहीं भी, न है न नहीं है ....। अच्छे बुरे कर्मों का फल है.... नहीं है .... है भी और नहीं भी है..... न नहीं है न नहीं नहीं ही है। The te 1. संजयवेलट्ठिपुत्त छठी सदी ई.पू. के धार्मिक आचार्यों में से एक था। बौद्ध साहित्य में सामञफलसुत्त से स्पष्ट होता है कि वह एक पर्यटक था और राजगृह में धार्मिक संघ और एक विचारधारा का संस्थापक था, जो संशयवादी के रूप में प्रसिद्धि प्राप्त किये हुए था। राहुल सांकृत्यायन, दर्शन-दिग्दर्शन, पृ. 384-385.
SR No.032428
Book TitleJain Agam Granthome Panchmatvad
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVandana Mehta
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year2012
Total Pages416
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size24 MB
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