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________________ सांख्यमत 141 पकुधकात्यायन के अतिरिक्त बौद्ध ग्रन्थों में ऐसे कुछ श्रमण ब्राह्मण मतों का भी उल्लेख मिलता है, जो आत्मा और लोक को शाश्वत मानते हैं ( उदान, पृ. 146 [382])। गीता में कहा गया है कि इस आत्मा को शस्त्र काट नहीं सकते, आग जला नहीं सकती, हवा सुखा नहीं सकती । वह आत्मा अछेद्य है, अभेद्य है, विकार रहित है, नित्य, सर्वव्यापी, अचल, स्थिर एवं सनातन है । असत् पदार्थ की उत्पत्ति नहीं होती, सर्वत्र सत् पदार्थ की ही उत्पत्ति होती है (गीता, 2.16, 2.23-24 [ 383] ) । इस प्रकार सत्कार्यवाद द्वारा आत्मा और लोक की नित्यता सिद्ध की गई, क्योंकि जो पदार्थ असत् है, उसमें कर्ता, कारण आदि कारकों का व्यापार नहीं होता । सत् पदार्थों में ही ऐसा सम्भव होता है । इसी तरह ईश्वरकृष्ण ( 3 ई. शताब्दी) भी सत्कार्यवाद द्वारा आत्मा और लोक की नित्यता को स्वीकार करते हैं (सांख्यकारिका, 9 [384])। उक्त तथ्यों से यह भलीभाँति स्पष्ट हो जाता है कि आत्मषष्ठवाद न केवल महावीर एवं बुद्ध के समय अस्तित्व में था अपितु उनके बाद में भी यह अस्तित्व में रहा तथा इस सिद्धान्त को मानने वाले अनेक चिन्तक थे । 2. महावीर युग में सांख्यमत (परिव्राजक परम्परा) सांख्यदर्शन मूलतः श्रमण परम्परा का एक दर्शन है। वेद उसके लिए प्रमाण नहीं रहा । यह ऋषिप्रोक्त दर्शन है।' कपिल ऋषि इसके आद्य प्रवर्तक हैं। वे सिद्ध पुरुष थे। श्री कृष्ण कहते हैं - मैं सिद्धों में कपिल मुनि हूँ (गीता, 10.26 [385])। सर्व परम्पराएँ एक मत से कपिल को सांख्यदर्शन का रचयिता (प्रणेता) स्वीकार करती है ( श्वेताश्वतरोपनिषद् 5.2 [ 386 ] ) । कपिल के मूल ग्रन्थ का नाम षष्टितंत्र था । उसी का अपर नाम सांख्यदर्शन है । 2 इस विचार की पुष्टि के लिए कुछ जैन आगमिक प्रमाणों का उल्लेख किया जाता है - अनुयोगद्वार एवं नंदी में कुछ मिथ्यादृष्टि श्रुत का उल्लेख है ( I. अनुयोगद्वार, 2.49, एवं 9.548, II. नंदी, 4.67 [387]), जिनमें कपिल और षष्टितंत्र शास्त्र का उल्लेख है । यद्यपि इन दोनों ग्रन्थों में कपिल और 1. भगवई, 2.1.24 का टिप्पण, पृ. 208. 2. उदयवीर शास्त्री, प्राचीन सांख्य संदर्भ, भूमिका, पृ. v.
SR No.032428
Book TitleJain Agam Granthome Panchmatvad
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVandana Mehta
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year2012
Total Pages416
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size24 MB
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