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________________ अलबेली आम्रपाली २१५ पर धड़ाम से गिर गया। उसके मुंह से नीले रंग के फेन निकलने लगे । वह निष्प्राण हो गया। कादंबिनी ने दो क्षणों तक सुरनंद की निर्जीव काया की ओर देखा' 'फिर अपना सामान और सुरनंद का कटार लेकर बाहर आ गई। कोठरी में जलते हुए दीपक को उसने बुझा डाला और बाहर सुरनंद की खाट पर निश्चिन्त होकर सो गई। प्रातःकाल के प्रथम चरण में उसने अपना पुरुषवेश ठीक किया। मस्तक पर पगड़ी रखी और पांथ शाला के रक्षक को जगाकर कहा-"बापू ! मेरे साथी को किसी जहरीले जानवर ने काट खाया है । तुम चलो और देखो तो सही।" वृद्ध रक्षक कादंबिनी के साथ गया और दूसरे दीपक के प्रकाश में सुरनंद को देखकर बोला-"महाराज ! आपका साथी तो मर गया लगता है। इसके मुंह से झाग निकल रहे हैं। निश्चित ही किसी विषधर ने डंक मारा है।" "हाय राम ! अब मैं क्या करूंगा; इस अनजाने प्रदेश में...!" वृद्ध ने कहा- "आप चिन्ता न करें, मैं सारी व्यवस्था कर दूंगा।" "किन्तु आप एक काम करें । इस गांव में कोई विष उतारने वाला है ? यदि है तो आप उसे बुलाएं।" पुरुष वेशधारी कादंबिनी ने कहा। "महाराज ! यहां तो कोई नहीं है। 'चंपा नगरी में अनेक वैद्य हैं।" "अच्छा तो आप एक काम करें.. मेरे साथी के शव को सावचेती से संभाल कर रखें. मैं चंपा नगरी से किसी वैद्य को ले आता हं...।" "किन्तु इसकी नाड़ी तो बंद हो गई है।" "मैंने सुना है कि जिसको सर्प काट खाता है, उसके प्राण ब्रह्मरंध्र में तीन दिन तक अटके रहते हैं...।" "आप जाएं । मैं आपके साथी की सार संभाल रखंगा।" वृद्ध रक्षक ने कहा। कादंबिनी ने अपना अश्व तैयार किया। सुरनंद के पास जो एक पोशाक थी, उसे साथ में ले लिया। बीस स्वर्ण मुद्राएं पांथशाला के रक्षक को दी और कहा-"मैं सांझ तक लौट आऊंगा, तब तक आप मेरे साथी को संभाले रहें। फिर देख लूंगा।" कादंबिनी अपने अश्व पर बैठकर चंपा नगरी की ओर चल दी। जिस कोठरी में सुरनंद का निर्जीव शरीर पड़ा था उस कोठरी का द्वार बंद कर रक्षक अपनी खाट के पास गया। ___ उस बेचारे को यह ज्ञात नहीं था कि इस मौत के पीछे वासना की चिनगारी धधक रही थी। इस मौत का कारण कोई विषधर नहीं किन्तु विषकन्या का दंश है।
SR No.032425
Book Titlealbeli amrapali
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMohanlal Chunilal Dhami, Dulahrajmuni
PublisherLokchetna Prakashan
Publication Year1992
Total Pages366
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size23 MB
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