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________________ आस-पास की भूमि पर सभी नर-नारी और बालक बैठ गए। शरद् का चांद नीचे उतर गया था। रात्रि का चौथा प्रहर चल रहा था और वह शीघ्र ही बीत जाने वाला था, ऐसा प्रतीत हो रहा था। मुखिया खड़ा हआ....'बोला-'भाइयो! हमारे गांव का यह बहादुर सुदंत विजेता बना है और मैं अपनी कन्या वासरी को, आप सभी की साक्षी से, इसके साथ ब्याहता हूं।' वनपुष्पों की एक माला लेकर वासरी अपनी दो सखियों को साथ ले, लज्जा के भार से झुकी हुई, वहां आ पहुंची। पारधी जाति में विवाह की यही विधि है कि कन्या वर को वरमाला पहनाती है और इतने में ही विवाह की रस्म पूरी हो जाती है...... फिर सभी साथ में बैठ कर भोजन कर लेते हैं। वासरी निकट आई। इतने में ही मुखिया ने हाथ पकड़ कर कहा-'बेटी! तू भाग्यशाली है। तुझे मनचाहा पति मिला है। तू मन में भगवान और देवी का स्मरण करती हुई सुदंत को वरमाला पहना दे।' सुदंत खाट से उठा। वासरी को देखते ही उसका सारा श्रम विलुप्त हो गया था। उसका वदन प्रात:काल के कुसुम की भांति प्रसन्नता से खिल उठा। तिरछी दृष्टि से सुदंत की ओर देखती हुई वासरी ने वनपुष्पों की माला सुदंत के गले में पहना दी। चर्मवाद्य बज उठे। वाद्य और शहनाई के स्वरों ने वातावरण को गुंजित कर उसे रसमय बना डाला। शरद् पूर्णिमा की रात बीत गई। उषा की स्वर्णिम आभा पूर्व दिशा के गगन में दृग्गोचर होने लगी। मुखिया सुदंत की ओर अभिमुख होकर बोला-'सुदंत! आज से मेरी पुत्री वासरी तुम्हारी घरवाली बनी है....... तुम उसको हृदय के प्यार से भिगोते रहना-फिर कन्या की ओर अभिमुख होकर कहा-'बेटी! तू अपने पति की सुरक्षा करना, जतन से रखना और दोनों अत्यंत प्रेमपूर्वक रहना।' पश्चात् नव दंपती ने सभी वृद्ध पुरुषों का चरण स्पर्श किया..... मुखिया के चरणों में वे दोनों लठ गए। पूर्व दिशा का गगन रंगीले काव्य के समान बन गया था। स्त्रियां दोनों का नाम ले-लेकर गीत गाने लगी। मुखिया ने सभी के सामने देखकर कहा-'आज का त्यौहार संपन्न हो चुका है। अब हम सबको साथ बैठकर भोजन करना है।' सभी आनन्दविभोर होकर अपनी-अपनी झोंपड़ी की ओर अग्रसर हुए। सुदंत के माता-पिता मृत्यु प्राप्त कर चुके थे... एक बहिन थी। वह भाई १६ / पूर्वभव का अनुराग
SR No.032422
Book TitlePurvbhav Ka Anurag
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDulahrajmuni
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year2011
Total Pages148
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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