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से निष्क्रिय। वे इस संदर्भ में 'क्रिया' का अर्थ भी स्थूल या सूक्ष्म दो प्रकार से करते हैं। क्रिया यानी गति ( देशान्तर - प्रापिका) यह क्रिया का स्थूल अर्थ है, किन्तु तत्त्व में अन्तर्निहित परिवर्तनशीलता - यह उसका सूक्ष्म व व्यापक अर्थ है। उदाहरणार्थ- सांख्य दर्शन में सामान्यतः प्रकृति 'निष्क्रिय' मानी गई है। 30 किन्तु त्रिगुणात्मक प्रकृति में क्षोभरूप परिणमन क्रिया का सद्भाव भी माना गया है। 1 जैन दर्शन में भी जीव व पुद्गल को गतिशील मानकर 'सक्रिय' और अन्य को निष्क्रिय माना गया है, वहां भी क्रिया का अर्थ गतिशीलता है। किन्तु उत्पादव्यय ध्रौव्यात्मक परिणमन रूप क्रिया के आधार पर समस्त द्रव्य 'सक्रिय' ही हैं। 32 इसके अतिरिक्त, सृष्टि की क्रिया, प्रलय की क्रिया आदि का विवेचन भी (सांख्य, न्याय-वैशेषिक, औपनिषदिक आदि) दर्शनों में विविध रूप से किया गया है।
संक्षेप में हम यह कह सकते हैं कि भारतीय दार्शनिक विचारधारा में 'क्रिया' एक महत्त्वपूर्ण विचारणीय विषय रहा है। यहां यह भी उल्लेख करना उचित होगा कि जैन साहित्य एवं धर्म-दर्शन में 'क्रिया' का जो विस्तारपूर्वक व सूक्ष्म निरूपण हुआ है, अन्य दर्शनों से विशिष्ट एवं मौलिक है।
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जैन साहित्य में 'क्रिया' का बहुआयामी रूप
सर्वप्रथम यह निर्देश करना उचित है कि 'क्रियावाद' भारतीय आस्तिक विचारधारा का एक विशेष मानदण्ड है। 'क्रियावाद' का समर्थक आत्मा, परलोक, कर्मवाद व पुनर्जन्म आदि का समर्थक होगा ही। 33 भगवान् महावीर के समय में अनेक मत-मतान्तरों में क्रियावादी (180 भेद), अक्रियावादी (84 भेद), उच्छेदवाद आदि मत प्रसिद्ध थे। क्रियावाद व अक्रियावाद का निरूपण धवला, गोम्मटसार आदि ग्रन्थों में प्राप्त होता है। 34 (सम्यक् ) क्रियावाद इन सब में जैन मान्यता के अधिक अनुकूल था ( बशर्ते वह ज्ञानवाद आदि से अविरुद्ध हो ) । क्रिया से कर्ता (आत्मा) के अस्तित्व की पुष्टि आध्यात्मिक मार्ग पर चलने के लिए एक पृष्ठभूमि तैयार करती है। 35 अतः (ज्ञानावादादिसापेक्ष) 'क्रियावाद' जैन दार्शनिक विचारधारा में पूर्णत: उपादेय रहा है।
भगवान् महावीर के जैन संघ में 'क्रिया' को केन्द्रबिन्दु रखकर अनेक महत्त्वपूर्ण मतभेद भी सामने आए। उनमें एक था जमाली-निरूपित बहुरतवाद जो भगवान् महावीर के 'क्रियमाण कृत' के विरुद्ध या आक्षेप रूप था। 36 'क्रियमाणकृत' के अनुसार जो किया जा रहा है, उसे किया हुआ माना जाता है। अर्थात् कार्य प्रारम्भ हो जाने पर, , भले
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