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________________ चाहिए मेरे कर्मों की निर्जरा हो रही है । यदि यह विशुद्ध उद्देश्य स्पष्ट रहेगा तो कर्म निर्जरा के साथ-साथ अनुकूलताएं स्वतः चरण चूमेंगी । 1 ग्रह शांति सूर्य चन्द्र मंगल बुध शुक्र शनि केतु राहु तीर्थंकर जप I ॐ ह्रीं पद्मप्रभो ! नमस्तुभ्यं मम शांतिः शांतिः । लाल रंग की माला से पूर्वाभिमुख, ७००० जप । ॐ ह्रीं चन्द्रप्रभो ! नमस्तुभ्यं मम शांतिः शांतिः । श्वेत रंग की माला से उत्तराभिमुख, ६००० जप । ॐ ह्रीं वासुपूज्य प्रभो! नमस्तुभ्यं मम शांतिः शांतिः । लाल रंग की माला से पूर्वाभिमुख, ८००० जप । ॐ ह्रीं शांतिनाथ प्रभो ! नमस्तुभ्यं मम शांतिः शांतिः । श्वेत रंग की माला से पूर्वाभिमुख, १२००० जप । ॐ ह्रीं सुविधिनाथ प्रभो ! नमस्तुभ्यं मम शांतिः शांतिः । श्वेत रंग की माला से ११००० जप (पूर्वाभिमुख ) ॐ ह्रीं मुनिसुव्रतप्रभो! नमस्तुभ्यं मम शांतिः शांतिः । नीले रंग की माला से पश्चिमाभिमुख, ३२००० जप । ॐ ह्रीं पार्श्वप्रभो ! नमस्तुभ्यं मम शांतिः शांतिः । नीले रंग की माला से पूर्वाभिमुख, २१००० जप । ॐ ह्रीं नेमिनाथ प्रभो! नमस्तुभ्यं मम शांतिः शांतिः । नीले रंग की माला से पूर्वाभिमुख अथवा पश्चिमाभिमुख २१००० जप । इसी प्रकार सूर्य ग्रह शांति के लिए 'ॐ ह्रीं णमो सिद्धाणं' तैजस-केन्द्र पर अरूण रंग में, चन्द्र ग्रह शांति के लिए विशुद्धि-केन्द्र पर श्वेत रंग में 'ॐ ह्रीं णमो अरहंताणं' का जप, मंगल ग्रह शांति के लिए आनंद - केन्द्र पर अरुण रंग में 'ॐ मो सिद्धाणं' का जप, बुद्ध ग्रह शांति के लिए शक्ति केन्द्र पर हरे रंग में 'ॐ ह्रीं णमो उवज्झायाणं' का जप, गुरु ग्रह शांति के लिए दर्शन - केन्द्र पर पीले रंग में 'ॐ ह्रीं णमो अरहंताणं' का जप, शुक्र ग्रह शांति के लिए स्वास्थ्य केन्द्र पर श्वेत रंग में ‘ॐ ह्रीं णमो लोए सव्व साहूणं का जप अपने-अपने रंग की माला के साथ करने से ग्रहों की शांति एवं अनुकूलता बनी रहती है। जिसके कारण बाह्य और आभ्यन्तर गुणों को विकसित किया जा सकता है। नोट जिस ग्रह की शांति के लिए जप किया जाता है प्रारंभ में इक्कीस दिन तक उस रंग की माला के साथ उस मंत्र की प्रतिदिन दस-दस माला फेरने के पश्चात् प्रतिदिन एक माला फेरने का विधान मिलता है। ग्रह शांति और तीर्थंकर जप / ११७
SR No.032419
Book TitleLogassa Ek Sadhna Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPunyayashashreeji
PublisherAdarsh Sahitya Sangh Prakashan
Publication Year2012
Total Pages190
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
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