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३. आवश्यक नियुक्ति-४६५, ४६६, मन का कायाकल्य, पृ./६० ४. आवश्यक नियुक्ति-पृ./६६, मन का कायाकल्प, पृ./६० ५. दसवैकालिक चूलिका-२/७ अभिक्खणं काउसग्गकारी ६. हारिभद्रीय टीका-पृ./२८१ कायोत्सर्ग कारी भवेत्, इर्यापथ प्रतिक्रमण कृत्वा न किञ्चिदन्यत्
कुर्याद् तशुद्धतापतेः। (उधृत दसवैकालिक पृ./५७२) ७. उत्तराध्ययन-अध्ययन ३६ ८. दसवैकालिक-५/१ ६. अगस्त्यसिंग चूर्णि-काउसग्गेसु द्वितस्स कम्म निर्जरा भवतीति गमणागमणविहारदिसु
अभिक्खणं काउसग्गकारिणा भवितत्वं । जिनदास चूर्णि-पृ./३७२, काउसग्गे ठियस्स, कम्मनिर्जरा भवइ, गमणागमण विहाराईसु अभिक्खणं काउसग्गे 'सऊसियं नीससिय'
पऽियव्व बाया। १०. अपने घर में-पृ./२०६ ११. वही-पृ./२०७, व्यवहार भाष्य पीठिका-गाथा ११८/६१६ १२. उत्तराध्ययन-२६/३८ १३. आवश्यक-प्रायश्चित सूत्र से १४. आवश्यक नियुक्ति-१५३७ १५. अपना दर्पण अपना बिम्ब-पृ./६८ १६. सत्य की खोज अनेकान्त के आलोक में-पृ./६५-६६ १७. तुम स्वस्थ रह सकते हो-पृ./१३ १८. आवश्यक चूर्णि, पृ./३१ १६. हृदयरोग का एक बुनियादी उपचार एक नुतन सरल-अभिगम २०. मिश्रा जे.पी.एन. एवं संजयकुमार, कायोत्सर्ग अल्फा तरंगों पर प्रभाव। ए.पी.वी.आइ.
वार्षिक कॉन्फ्रेन्स, तिरुअनंतपुरम्-१६६३ २१. मिश्र जे.पी.एन.टेम्परेचर बायोफीड बेक; तुलसी-प्रज्ञा, जनवरी मार्च १६६५ २२. आवश्यक नियुक्ति-१४७६ २३. उत्तराध्ययन-१६१३ २४. स्थानांग अभय वृत्ति-२३७ २५. तत्वानुशासन-२२२ २६. आवश्यक नियुक्ति गाथा-१४५२ २७. ठाणं-१० २८. अनुयोग द्वार २६. प्रवचन सारोद्धार ३०. मूलाराधना, विजयोदया वृत्ति, १,११६ ३१. आवश्यक नियुक्ति १५४४ ३२. आवश्यक नियुक्ति १५४८/१५५२ ३३. अमितगति श्रावकाचार-८/६६ ३४. व्यवहार भाष्य-१२२, काल पणाणेण होंति नायत्वा
लोगस्स और कायोत्सर्ग / ६३