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________________ भगवती सूत्र श. ३० : उ. १ : सू. १९-२५ गौतम ! सम्यग्दृष्टि-क्रियावादी - जीव नैरयिक- आयु का बन्ध नहीं करते, तिर्यग्योनिक - आयु का बन्ध नहीं करते, मनुष्य आयु का भी बन्ध करते हैं, देव-आयु का भी बन्ध करते हैं । मिथ्या-दृष्टि की कृष्णपाक्षिक-जीवों की भांति वक्तव्यता है । २०. भन्ते ! सम्यग् - मिथ्या-दृष्टि- अज्ञानिकवादी जीव क्या नैरयिक- आयु (का बन्ध करते *).........? लेश्या - रहित जीवों की भांति वक्तव्यता । इसी प्रकार वैनयिकवादी की भी वक्तव्यता । ज्ञानी (समुच्चय), आभिनिबोधिक ज्ञानी, श्रुत- ज्ञानी और अवधि - ज्ञानी सम्यग् -दृष्टि- जीवों की भांति वक्तव्यता । २१. भन्ते ! मनः पर्यव-ज्ञानी. ..? पृच्छा । गौतम ! मनः पर्यव - ज्ञानी जीव नैरयिक आयु का बन्ध नहीं करते, तिर्यग्योनिक - आयु का बन्ध नहीं करते, मनुष्य-आयु का बन्ध नहीं करते, देव-आयु का बन्ध करते हैं । २२. (भन्ते!) यदि वे देव-आयु का बन्ध करते हैं तो क्या भवनवासी- देव - आयु का बन्ध करते हैं ..... ? पृच्छा । गौतम ! वे भवनवासी देव आयु का बन्ध नहीं करते, वानमन्तर - देव - आयु का बन्ध नहीं करते, ज्योतिष्क- देव-आयु का बन्ध नहीं करते, वैमानिक -देव-आयु का बन्ध करते हैं । केवल - ज्ञानी की लेश्या - रहित जीवों की भांति वक्तव्यता । अज्ञानी जीव यावत् विभंग- अज्ञानी की कृष्णपाक्षिक-जीवों की भांति वक्तव्यता । चारों संज्ञा वाले जीव लेश्या युक्त- जीवों की भांति वक्तव्य हैं। नोसंज्ञोपयुक्त - जीव मनः पर्यव - ज्ञानी की भांति वक्तव्य हैं। सवेदक यावत् नपुंसकवेदक की लेश्या युक्त जीवों की भांति वक्तव्यता । अवेदक की लेश्या - रहित - जीवों की भांति वक्तव्यता । कषाय सहित (समुच्चय) यावत् लोभकषाय-सहित की लेश्यायुक्त - जीवों की भांति वक्तव्यता । कषाय-रहित की लेश्या -रहित- जीवों की भांति वक्तव्यता । सयोगी यावत् काय-योगी की लेश्या युक्त जीवों की भांति वक्तव्यता। अयोगी की लेश्या - रहित - जीवों की भांति वक्तव्यता । साकारोपयुक्त और अनाकारोपयुक्त की लेश्या - युक्त जीवों की भांति वक्तव्यता । २३. भन्ते ! क्रियावादी - नैरयिक- जीव क्या नैरयिक आयु का ( बन्ध करते हैं ) .. .? पृच्छा । गौतम ! नैरयिक-आयु का बन्ध नहीं करते, तिर्यग्योनिक आयु का बन्ध नहीं करते हैं, मनुष्य - आयु का बन्ध करते हैं, देव-आयु का बन्ध नहीं करते । - .? पृच्छा । २४. भन्ते ! अक्रियावादी नैरयिक-जीव क्या नैरयिक आयु का बन्ध करते हैं. गौतम ! नैरयिक- आयु का बन्ध नहीं करते, तिर्यग्योनिक आयु का भी बन्ध करते हैं, मनुष्य-आयु का भी बन्ध करते हैं, देव-आयु का बन्ध नहीं करते। इसी प्रकार अज्ञानिकवादी और वैनयिकवादी की भी वक्तव्यता । २५. भन्ते ! लेश्या -युक्त - नैरयिक- क्रियावादी - जीव क्या नैरयिक आयु का बन्ध करते हैं ? इसी प्रकार जो क्रियावादी नैरयिक जीव हैं वे सभी एक मनुष्य-आयु का ही बन्ध करते हैं, जो अक्रियावादी, अज्ञानिकवादी और वैनयिकवादी - नैरयिक-जीव हैं वे सभी स्थानों में भी - ८८४
SR No.032417
Book TitleBhagwati Sutra Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanakprabhashreeji, Mahendrakumar Muni, Dhananjaykumar Muni
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year2013
Total Pages590
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size15 MB
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