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________________ भगवती सूत्र श. ८ : उ ९ : सू. ४४४-४४८ के विषय में वक्तव्य है, यावत् कर्म - शरीर- देश -बंधक है, सर्व-बंधक नहीं है । ४४५. भंते! जिसके तैजस शरीर का देश बंध है, भंते! क्या वह औदारिक शरीर का बंधक - है ? अबंधक है ? गौतम! बंधक है अथवा अबंधक है। यदि बंधक है तो क्या देश बंधक है ? सर्व-बंधक है ? गौतम ! देश -बंधक है अथवा सर्व-बंधक है। वैक्रिय - शरीर का बंधक है ? अबंधक है ? इसी प्रकार वक्तव्य है । इसी प्रकार आहारक- शरीर की वक्तव्यता । कर्म - शरीर का बंधक है ? अबंधक है ? गौतम ! बन्धक है, अबंधक नहीं है । यदि बंधक है तो क्या देश बंधक है ? सर्व बंधक है ? गौतम ! देश -बंधक है, सर्व-बंधक नहीं है । ४४६. भंते! जिसके कर्म शरीर का देश- बंध है, भंते! क्या वह औदारिक- शरीर का बंधक है ? अबंधक है ? गौतम! बंधक है अथवा अबंधक है, जैसे - तेजस शरीर की वक्तव्यता वैसे ही कर्म - शरीर की वक्तव्यता यावत् क्या तैजस- शरीर का बंधक है ? अबंधक है ? गौतम! बंधक है, अबंधक नहीं है। यदि बंधक है तो क्या देश बंधक है ? सर्व-बंधक है ? गौतम ! देश -बंधक है, सर्व-बंधक नहीं है। ४४७. भंते! इन औदारिक, वैक्रिय, आहारक, तैजस और कर्म शरीर के देश बंधक, सर्व-बंधक और अबंधक जीवों में कौन किनसे अल्प, बहु, तुल्य अथवा विशेषाधिक है ? गौतम ! १. आहारक - शरीर के सर्व-बंधक जीव सबसे अल्प हैं । २. उसके देश -बंधक उससे संख्येय-गुणा हैं । ३. वैक्रिय शरीर के सर्व-बंधक उससे असंख्येय-गुणा हैं । ४. उसके देश-बंधक उससे असंख्येय-गुणा हैं । ५. तेजस और कर्म शरीर के अबंधक उससे अनंत-गुणा हैं । ६. औदारिक- शरीर के सर्व-बंधक उससे अनंत गुणा हैं । ७. उसके अबंधक उससे विशेषाधिक हैं । ८. उसके देश- बंधक उससे असंख्येय - गुणा हैं । ९. तैजस और कर्म - शरीर के देश - बंधक उससे विशेषाधिक हैं । १०. वैक्रिय शरीर के अबंधक उससे विशेषाधिक हैं। ११. आहारक - शरीर के अबंधक उससे विशेषाधिक हैं। 1 ४४८. भंते! वह ऐसा ही है। भंते! वह ऐसा ही है। ३२६
SR No.032416
Book TitleBhagwati Sutra Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanakprabhashreeji, Mahendrakumar Muni, Dhananjaykumar Muni
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year2013
Total Pages546
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size14 MB
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