SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 377
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ भगवती सूत्र श. ८ : उ. ८ : सू. ३०५-३१० पश्चात्कृत और पुरुष पश्चात्कृत बंध करता है, इस प्रकार ये छब्बीस भंग वक्तव्य हैं यावत् २६. अथवा स्त्री पश्चात्कृत, पुरुष पश्चात्कृत और नपुंसक पश्चात्कृत बंध करते हैं । ३०६. भंते! क्या जीव ने उस ऐर्यापथिक कर्म का बंध किया, करता है और करेगा ? २. क्या बंध किया, करता है और नहीं करेगा ? ३. क्या बंध किया, नहीं करता है और करेगा ? ४. बंध किया, नहीं करता है और नहीं करेगा ? ५. बंध नहीं किया, करता है और करेगा ? ६. बंध नहीं किया, करता है और नहीं करेगा ? ७. बंध नहीं किया, नहीं करता है और करेगा ? ८. बंध नहीं किया, नहीं करता है और नहीं करेगा ? गौतम ! भवाकर्ष की अपेक्षा किसी जीव ने बंध किया, करता है और करेगा। किसी जीव ने बंध किया, करता है और नहीं करेगा, इस प्रकार सर्व वक्तव्य है यावत् किसी जीव ने बंध नहीं किया, नहीं करता है और नहीं करेगा। ग्रहणाकर्ष की अपेक्षा किसी जीव ने बंध किया, करता है और करेगा, इस प्रकार यावत् किसी जीव ने बंध नहीं किया, करता है और करेगा, किसी जीव ने बंध नहीं किया, करता है और नहीं करेगा, किसी जीव ने बंध नहीं किया, नहीं करता है और करेगा, किसी जीव ने बंध नहीं किया, नहीं करता है और नहीं करेगा । ३०७. भंते! क्या उस ऐर्यापथिक कर्म का बंध सादि - सपर्यवसित होता है ? सादि - अपर्यवसित होता है ? अनादि - सपर्यवसित होता है ? अनादि अपर्यवसित होता है ? गौतम ! वह सादि - सपर्यवसित होता है, सादि - अपर्यवसित नहीं होता । अनादि सपर्यवसित नहीं होता, अनादि - अपर्यवसित नहीं होता । ३०८. भंते! क्या देश के द्वारा देश का बंध होता है ? देश के द्वारा सर्व का बंध होता है ? सर्व के द्वारा देश का बंध होता है ? सर्व के द्वारा सर्व का बंध होता है ? गौतम ! देश के द्वारा देश का बंध नहीं होता, देश के द्वारा सर्व का बंध नहीं होता, सर्व के द्वारा देश का बंध नहीं होता, सर्व के द्वारा सर्व का बंध होता है । साम्परायिक बंध- पद ३०९. भंते! सांपरायिक कर्म का बंध क्या नैरयिक करता है ? तिर्यग्योनिक करता है ? यावत् देवी करती है ? गौतम् ! नैरयिक भी बंध करता है, तिर्यग्योनिक भी बंध करता है, तिर्यग्योनिक स्त्री भी बंध करती है, मनुष्य भी बंध करता है, मनुष्य - स्त्री भी बंध करती है, देवता भी बंध करता है, देवी भी बंध करती है । ३१०. भते! क्या स्त्री बंध करती है ? पुरुष बंध करता है उसी प्रकार यावत् नो-स्त्री, नो-पुरुष, नो नपुंसक बंध करता है ? गौतम! स्त्री भी बंध करती है, पुरुष भी बंध करता है, यावत् नपुंसक भी बंध करते हैं, अथवा ये स्त्री आदि और वेद - रहित ( एक वचन) बंध करता है । अथवा ये स्त्री आदि और वेद- रहित बंध करते हैं । ३०७
SR No.032416
Book TitleBhagwati Sutra Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanakprabhashreeji, Mahendrakumar Muni, Dhananjaykumar Muni
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year2013
Total Pages546
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size14 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy