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________________ भगवती सूत्र श. ५ : उ. ७ : सू. १६४-१६८ गौतम! संख्येय-प्रदेशी स्कन्ध कथंचित् स-अर्ध, स-मध्य और स-प्रदेश है। कथंचित् अनर्ध, अ-मध्य और स-प्रदेश है! असंख्येय-प्रदेशी और अनन्त-प्रदेशी स्कन्ध संख्येय-प्रदेशी स्कन्ध की भांति वक्तव्य है। परमाणु-स्कन्धों का परस्पर स्पर्शना-पद १६५. भन्ते! परमाणु-पुदगल परमाणु-पुदगल का स्पर्श करता हुआ क्या-१. एक देश से एक देश का स्पर्श करता है? २. एक देश से अनेक देशों का स्पर्श करता है? ३. एक देश से सर्व का स्पर्श करता है? ४. अनेक देश से एक देश का स्पर्श करता है? ५. अनेक देशों से अनेक देशों का स्पर्श करता है? ६. अनेक देशों से सर्व का स्पर्श करता है? ७. सर्व से एक देश का स्पर्श करता है? ८. सर्व से अनेक देशों का स्पर्श करता है? ९. सर्व से सर्व का स्पर्श करता है? गौतम! १. परमाणु-पुद्गल एक देश से एक देश का स्पर्श नहीं करता। २. एक देश से अनेक देशों का स्पर्श नहीं करता। ३. एक देश से सर्व का स्पर्श नहीं करता। ४. अनेक देश से एक देश का स्पर्श नहीं करता। ५. अनेक देशों से अनेक देशों का स्पर्श नहीं करता। ६. अनेक देशों से सर्व का स्पर्श नहीं करता। ७. सर्व से एक देश का स्पर्श नहीं करता। ८. सर्व से अनेक देशों का स्पर्श नहीं करता। ९. सर्व से सर्व का स्पर्श करता है। १६६. परमाणु-पुद्गल द्विप्रदेशिक स्कन्ध का स्पर्श करता हुआ सातवें और नौवें विकल्प (सर्व से एक देश और सर्व से सर्व का) का स्पर्श करता है। परमाणु-पुद्गल त्रिप्रदेशिक स्कन्ध का स्पर्श करता हुआ अन्तिम तीन विकल्पों (सर्व से एक देश, सर्व से अनेक देशों और सर्व से सर्व) का स्पर्श करता है। जिस प्रकार परमाणु-पुद्गल का त्रिप्रदेशिक स्कन्ध से स्पर्श कराया गया है, इस प्रकार चतुःप्रदेशिक स्कन्ध से लेकर यावत् अनन्त-प्रदेशिक स्कन्ध तक स्पर्श कराया जाए। १६७. भन्ते! द्विप्रदेशिक स्कन्ध परमाणु-पुद्गल का स्पर्श करता हुआ क्या एक देश से एक देश का स्पर्श करता है? पृच्छा। तीसरे और नौवें विकल्प (एक देश से सर्व और सर्व से सर्व का) का स्पर्श करता है। द्विप्रदेशिक स्कन्ध द्विप्रदेशिक स्कन्ध का स्पर्श करता हुआ पहले, तीसरे, सातवें और नौवें (एक देश से एक देश, एक देश से सर्व, सर्व से एक देश और सर्व से सर्व का) विकल्प का स्पर्श करता है। द्विप्रदेशिक स्कन्ध त्रिप्रदेशिक स्कन्ध का स्पर्श करता हुआ तीन प्रथम तीन अन्तिम विकल्पों का स्पर्श करता है। मध्यवर्ती तीन विकल्प प्रतिषिद्ध है। जिस प्रकार द्विप्रदेशिक स्कन्ध का त्रिप्रदेशिक स्कन्ध से स्पर्श कराया गया है, इस प्रकार चतुःप्रदेशिक स्कन्ध से लेकर यावत् अनन्तप्रदेशिक स्कन्ध तक से स्पर्श कराया जाए। १६८. भन्ते! त्रिप्रदेशिक स्कन्ध परमाणु-पुद्गल का स्पर्श करता हुआ क्या एक देश से एक देश का स्पर्श करता है? पृच्छा। १७७
SR No.032416
Book TitleBhagwati Sutra Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanakprabhashreeji, Mahendrakumar Muni, Dhananjaykumar Muni
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year2013
Total Pages546
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size14 MB
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