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________________ भगवती सूत्र श. ५ : उ. १ : सू. ६-१० उत्तर और दक्षिण भाग में रात्रि होती है । ६. भन्ते ! जिस समय जम्बूद्वीप द्वीप में मेरु पर्वत के दक्षिणार्द्ध में अठारह मुहूर्त का उत्कृष्ट दिन होता है, उस समय उत्तरार्द्ध में भी अठारह मुहूर्त का उत्कृष्ट दिन होता है ? जिस समय उत्तरार्द्ध में अठारह मुहूर्त्त का उत्कृष्ट दिन होता है, उस समय जम्बूद्वीप द्वीप में मेरु पर्वत के पूर्व और पश्चिम भाग में बारह मुहूर्त्त की जघन्य रात्रि होती है ? हां, गौतम ! जिस समय जम्बूद्वीप द्वीप में मेरु पर्वत के दक्षिणार्द्ध में अठारह - मुहूर्त्त का उत्कृष्ट दिन होता है यावत् उस समय पूर्व और पश्चिमी भाग में बारह मुहूर्त्त की जघन्य रात्रि होती है । ७. भन्ते! जिस समय जम्बूद्वीप द्वीप में मेरु पर्वत के पूर्व भाग में अठारह मुहूर्त का उत्कृष्ट दिन होता है, उस समय पश्चिम भाग में अठारह मुहूर्त का उत्कृष्ट दिन होता है ? जिस समय पश्चिम भाग में भी अठारह मुहूर्त का उत्कृष्ट दिन होता है, उस समय जम्बूद्वीप द्वीप में मेरुपर्वत के उत्तर और दक्षिण भाग में बारह मुहूर्त की जघन्य रात्रि होती है ? हां, गौतम ! यह सब ऐसा ही है । ८. भन्ते ! जिस समय जम्बूद्वीप द्वीप में मेरु पर्वत के दक्षिणार्द्ध भाग में अठारह - मुहूर्त-से-कुछकम परिमाण वाला दिन होता है, उस समय उत्तरार्द्ध भाग में भी अठारह मुहूर्त से कुछ कम परिमाण वाला दिन होता है ? जिस समय उत्तरार्द्ध भाग में अठारह - मुहूर्त-से-कुछ-कम परिमाण वाला दिन होता है, उस समय जम्बूद्वीप द्वीप में मेरुपर्वत के पूर्व-पश्चिम भाग में बारह - मुहूर्त्त से कुछ- अधिक परिमाण वाली रात्रि होती है ? हां, गौतम! जिस समय जम्बूद्वीप द्वीप में यावत् बारह - मुहूर्त से कुछ अधिक परिमाण वाली रात्रि होती है। ९. भन्ते ! जिस समय जम्बूद्वीप द्वीप में मेरु पर्वत के पूर्व भाग में अठारह - मुहूर्त - -से-कुछ कम परिमाण वाला दिन होता है, उस समय पश्चिम भाग में भी अठारह - मुहूर्त- से. -कुछ कम परिणाम वाला दिन होता है? जिस समय पश्चिम भाग में अठारह - मुहूर्त-से-कुछ-कम परिमाण वाला दिन होता है, उस समय जम्बूद्वीप द्वीप में मेरुपर्वत के उत्तर और दक्षिण भाग में बारह - मुहूर्त से कुछ अधिक परिमाण वाली रात्रि होती है ? हां, गौतम ! यह सब ऐसा ही है । - १०. इस प्रकार इसी क्रम से अवतरित करना चाहिए सतरह मुहूर्त्त का दिन और तेरह मुहर्त की रात्रि। सतरह-मुहूर्त्त-से-कुछ कम परिमाण वाला दिन और तेरह मुहूर्त से कुछ अधिक परिमाण वाली रात्रि । सोलह मुहूर्त का दिन और चौदह मुहूर्त की रात्रि | सोलह-मुहूर्त्त-से-कुछ-कम परिमाण वाला दिन और चौदह मुहूर्त से कुछ अधिक परिमाण वाली रात्रि । पन्द्रह मुहूर्त्त का दिन और पन्द्रह मुहूर्त्त की रात्रि । पन्द्रह - मुहूर्त्त से कुछ-कम परिणाम वाला दिन और पन्द्रह - मुहूर्त्त से कुछ अधिक परिमाण वाली रात्रि । १५०
SR No.032416
Book TitleBhagwati Sutra Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanakprabhashreeji, Mahendrakumar Muni, Dhananjaykumar Muni
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year2013
Total Pages546
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size14 MB
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