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________________ 8. तां पाठशालां पश्य, तस्यां मम पुत्रः पठति-उस पाठशाला को देख, उसमें मेरा लड़का पढ़ता है। 9. यत्र त्वं गच्छसि तत्र सा न गच्छति किम्-जहाँ तू जाती है वहाँ वह नहीं जाती है क्या ? पाठ 30 शब्द गजः-हाथी सर्पः-साँप। लवपुरम्-लाहौर नैव-नहीं। विद्यालयम्-पाठशाला को। ब्रह्मचारी-ब्रह्मचारी। शब्द:-शब्द। उदेति-उगता है, निकलता है। प्रयत्नः-उद्योग। अधिकारः-ओहदा। प्रकाश:-प्रकाश। अन्धकारः-अँधेरा। घण्टानादः-घंटे की आवाज़। एकः-एक। प्रथमः-पहला। द्वितीयः-दूसरा। वाक्य 1. पुस्तकं लेखनी मसीपात्रं च मादेहि-पुस्तक, कलम और दवात मुझे दे। 2. कोलाहलं न कुरु इति हरिदत्तं कथय-हरिदत्त से कह कि कोलाहल न करे। 3. यत्र भूमित्रः अस्ति तत्र त्वं शीघ्रं गच्छ-जहाँ भूमित्र है वहाँ तू शीघ्र जा। 4. तत्र वृषभः जलं पिबति-वहाँ बैल जल पीता है। 5. सः लवपुरम् अतः ऊर्ध्वं नैव गमिष्यति-वह इसके पश्चात् लाहौर नहीं जाएगा। 6. यत्र शूकरः धावति तत्र त्वमपि' गच्छ-जहाँ सूअर दौड़ता है वहाँ तू भी जा। 7. अत्र दीपः नास्ति अतः अहं किमपि न पश्यामि-यहाँ दीपक नहीं है, इसलिए ___मैं कुछ भी नहीं देख पाता। 8. विद्यालयं पश्य, तत्र मम ब्रह्मचारी पठति-विद्यालय को देख, वहाँ मेरा ब्रह्मचारी (बालक) पढ़ता है। 9. सः वृथा एव असत्यं वदति-वह व्यर्थ ही झूठ बोलता है। 10. यदा प्रातःकाले सूर्यः उदेति-जब प्रातःकाल सूर्य निकलता है। 98 J1. त्वम् + अपि। 2. किम् + अपि।
SR No.032413
Book TitleSanskrit Swayam Shikshak
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShripad Damodar Satvalekar
PublisherRajpal and Sons
Publication Year2010
Total Pages366
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size16 MB
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