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________________ इमे 'इदम्' शब्द पुल्लिंग 1. अयम् इमौ 2. इमम्, (एनम्) इमौ, (एनौ) इमान, (एनान्) 3. अनेन, (एनेन) आभ्याम् एभिः 4. अस्मै एभ्यः 5. अस्मात् 6. अस्य अनयोः (एनयोः) एषाम् 7. अस्मिन् एषु 'प्रथम' शब्द पुल्लिंग 1. प्रथमः प्रथमौ प्रथमे, प्रथमाः 2. प्रथमम् प्रथमान् 3. प्रथमेन प्रथमाभ्याम् प्रथमैः इसके शेष रूप 'देव' शब्द के समान होते हैं, केवल प्रथमा विभक्ति के बहुवचन के दो रूप होते हैं। पाठ सोलह के नियम 3 में इस बात का उल्लेख किया गया है। इसी प्रकार 'द्वितीय, तृतीय' इत्यादि नियम 3 में कहे हुए शब्दों के विषय में जानना चाहिए। 'द्वितीय' शब्द पुल्लिंग 1. द्वितीयः द्वितीयौ द्वितीये, द्वितीयाः 2. द्वितीयम् 3. द्वितीयेन द्वितीयाभ्याम् द्वितीयैः 4. द्वितीयस्मै, द्वितीयाय द्वितीयेभ्यः 5. द्वितीयस्मात् 6. द्वितीयस्य द्वितीययोः 7. द्वितीयस्मिन्, द्वितीये " द्वितीयेषु इसी प्रकार 'तृतीय' शब्द के रूप बनते हैं। इसके 'द्वितय', 'त्रितय' शब्द तथा यहां कहे हुए 'द्वितीय, तृतीय' शब्द भिन्न-भिन्न हैं, यह बात भूलनी नहीं चाहिए। इस प्रकार सर्वनामों के रूपों का विचार पूरा हुआ। यहां तक नाम, तथा सर्वनाम का जो विचार हुआ है, तथा जो-जो रूप दिए हैं, वे सब पुल्लिंग के रूप हैं। स्त्रीलिंग तथा नपुंसकलिंग शब्दों के रूप भिन्न प्रकार के होते हैं। उनका वर्णन आगे किया जाएगा। द्वितीयान् द्वितीयानाम् 99
SR No.032413
Book TitleSanskrit Swayam Shikshak
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShripad Damodar Satvalekar
PublisherRajpal and Sons
Publication Year2010
Total Pages366
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size16 MB
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