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________________ संस्कृत वाक्य हिन्दी (1) मालवदेशस्य राजा कञ्चित् पुरुषं (1) मालव देश के राजा ने किसी एक दुर्गस्य वृत्तमपृच्छत्। पुरुष से क़िले का वृत्तान्त पूछा। (2) किमर्थं स राजा तमेव (2) क्यों उस राजा ने उसी पुरुष से पुरुषमपृच्छत् ? पूछा ? (3) यतः सः पुरुषः दुर्गप्रदेशाद् (3) क्योंकि वह पुरुष दुर्ग-देश से आगतः। आया था। (4) पुरुषेण राज्ञे किं कथितम् ? (4) पुरुष ने राजा को क्या कहा ? (5) दुर्गपालः कृपणोऽधार्मिकः (5) दुर्गपाल कंजूस, अधार्मिक, क्रूर, क्रूरोऽविनीतः च अस्ति इति पुरुषोऽवदत्। और अनम्र है, ऐसा मनुष्य ने कहा। (6) तद् आकर्ण्य राजा क्रोधं प्राप्तः। (6) यह सुनकर राजा क्रोध को प्राप्त हुआ। (7) पुरुषेण उक्तम्-क्रोधः किमर्थ (7) पुरुष ने कहा-गुस्सा किसलिए क्रियते। यन्मया उक्तं तत्सत्यम् अस्ति। किया जाता है। जो मैंने कहा, वह सत्य (8) यः पुरुषः ईश्वराद् बिभेति स इतरस्माद् कस्माद् अपि न बिभेति। (9) राजा तस्य वचनेन तुष्टः सन् तस्मै दीनाराणां सहस्रं ददौ। (10) यः सत्यं वदति तम् ईश्वरः सदैव रक्षति। (11) अतः सर्वे सत्यमेव वदन्ति। (8) जो मनुष्य ईश्वर से डरता है, वह ईश्वर से भिन्न दूसरे किसी से भी नहीं डरता। (9) राजा (ने) उसके भाषण से सन्तुष्ट होकर उसको हज़ार मोहरें दीं। (10) जो सत्य बोलता है, उसकी ईश्वर हमेशा रक्षा करता है। ___ (11) इस कारण सब सत्य बोलते हैं। (5) कृतार्थसत्यवादित्वम् (5) सच बोलने से कृतिकारिता (1) मालवाधिपतिः दर्पसारः दुर्गात् आगतं कञ्चित् पुरुषं दुर्गपालगतं उदन्तं अपृच्छत्। (1) मालवदेश के राजा दर्पसार ने दुर्ग से आए हुए किसी एक पुरुष को. दुर्गपाल-सम्बन्धी वृत्तान्त पूछा। 43 |
SR No.032413
Book TitleSanskrit Swayam Shikshak
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShripad Damodar Satvalekar
PublisherRajpal and Sons
Publication Year2010
Total Pages366
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size16 MB
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