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________________ 110 वाक्य pe 1. युद्धस्य वार्ता रम्या भवति - युद्ध की बात रोचक होती है । 2. सा नगरी अतीव रम्या अस्ति- वह शहर बहुत ही रमणीय है । 3. कृष्णेन सह वार्तालापं कुरु-कृष्ण के साथ बातचीत कर । 4. उष्ट्रस्य त्वरिता गतिः - ऊँट की चाल तेज़ होती है। 5. अश्वस्य गमनमपि तथैव' - घोड़े की चाल भी वैसी ही होती है। 6. मेघात् वृष्टिः भवति - बादल से वर्षा होती है । 7. सूर्यात् प्रकाशः भवति-सूर्य से प्रकाश होता है । 8. रात्रौ सूर्यः न भवति - रात्रि में सूर्य नहीं होता । 9. अहं रामाय पत्रं लिखामि- मैं राम के लिए पत्र लिखता हूँ । 10. त्वं पत्रं शीघ्रं लिख - तू पत्र जल्दी लिख । 11. पत्रस्य लेखनेन किं भविष्यति - पत्र लिखने से क्या होगा ? 12. एष यज्ञदत्तस्य पुत्रः - यह यज्ञदत्त का पुत्र है । 13. तव पुत्रः कुत्र अस्ति - तेरा पुत्र कहाँ है ? 14. मुम्बानगरे मम पुत्रः अस्ति - मुंबई में मेरा पुत्र है । शब्द पाचकः - रसोइया । महिषी - भैंस, महारानी । यष्टिः यष्टिका - सोटी । सूचिका - सूई । द्वारम् - दरवाज़ा। गण्डूषः - चुल्ली । अनृतम् - असत्य, झूठ । कशा - चाबुक । पर्पटः - पापड़ | मृत्पिण्डः - मिट्टी का गोला । कर्तरी - कैंची। पटः - वस्त्र । महानसम् - रसोई का स्थान । पारितोषिकम् - इनाम । महिषः - भैंसा । क्रिया आरोहति - (वह) चढ़ता है। आरोहसि - (तू) चढ़ता है। आरोहामि - ( मैं ) चढ़ता हूँ । उपविशति - (वह) बैठता है । भ्रामयसि - (तू) घुमाता है । उत्तिष्ठामि - ( मैं ) उठता. हूँ । हसति - (वह हँसता है । निक्षिपति - (वह) फेंकता है। सिञ्चति - (वह) छिड़कता है । कर्तयति - (वह) काटता है । वाक्य 1. अहं पर्पटं भक्षयामि - मैं पापड़ खाता हूँ । 2. अयं पाचकः अस्ति - यह रसोइया है । 1. गमनम् अपि । 2. तथा एव ।
SR No.032413
Book TitleSanskrit Swayam Shikshak
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShripad Damodar Satvalekar
PublisherRajpal and Sons
Publication Year2010
Total Pages366
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size16 MB
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