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अध्यात्म योग (६) मैं हूं और मैं है-इन दो वाक्यों में भेद है, उस पर ध्यान केन्द्रित होने से ही आत्मा की पहचान संभव है। उक्त वाक्यों में 'हूं' उपाधि का प्रतीक है तथा 'है' अस्तित्व का सूचक है।
मैं हूं मैं है भेद पर, जब जाता है ध्यान। संभव बनती है तभी, आत्मा की पहचान।।
अध्यात्म पदावली ६
५ फरवरी २००६