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प्रेक्षाध्यान और परिवर्तन
प्रेक्षाध्यान के द्वारा
• श्वास की गति बदलती है।
• प्रकंपन बदलते हैं ।
• लेश्या बदलती हैं ।
• इनके बदलने पर दृष्टि बदल जाती है।
श्वास और शारीरिक प्रकंपनों को संवादी और लयबद्ध करने की पद्धति हस्तगत होने पर एक आध्यात्मिक क्रान्ति घटित होती है। मानव-संबंध बदल जाते हैं।
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२६ नवम्बर २००६
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