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योग और मंत्र (४) मंगल, उत्तम और शरण को अर्हत्, सिद्ध, साधु और धर्म के साथ जोड़ने पर जो मंत्र बनता है उससे मोक्ष की प्राप्ति होती है। ___बंध की मुक्ति, यह उत्कृष्ट भूमिका का वक्तव्य है व्यावहारिक भूमिका का वक्तव्य यह है कि इससे समस्याओं की मुक्ति होती है, बड़ी-बड़ी उलझनें सुलझ जाती हैं। मंत्र पद चत्तारि मंगलं
चत्तारि लोगुत्तमा अरहंता मंगलं
अरहंता लोगुत्तमा सिद्धा मंगलं
सिद्धा लोगुत्तमा साहूं मंगलं
साहू लोगुत्तमा केवलि पण्णत्तो धम्मो मंगलं केवलि पण्णत्तो धम्मो लोगुत्तमो
चत्तारि सरणं पवज्जामि अरहते सरणं पवज्जामि सिद्धे सरणं पवज्जामि
साहू सरणं पवज्जामि केवलि पण्णत्तं धम्म सरणं पवज्जामि मंगलोत्त शरण-पदान्यव्यग्रमान सः । चतुःसमाश्रयाण्येव स्मरन् मोक्ष प्रपद्यते।।
__ . योगशास्त्र ८.४४ १७ जनवरी
२००६ FADAR-O.-- --- ---२६- ३५ -
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