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कायोत्सर्ग (१) कायोत्सर्ग में चतुर्विंशति-स्तव का ध्यान किया जाता है। उसके सात श्लोक और अट्ठाईस चरण हैं। एक उच्छ्वास में एक चरण का ध्यान किया जाता है। कायोत्सर्ग-काल में सातवें श्लोक के प्रथम चरण 'चंदेसु निम्मलयरा' तक ध्यान किया जाता है। इस प्रकार एक 'चतुर्विंशतिस्तव' का ध्यान पचीस उच्छ्वासों में सम्पन्न होता है।
चतुर्विंशतिस्तव श्लोक चरण उच्छ्वास १. दैवसिक ४ २५ १०० १०० २. रात्रिक २ १२% ५० ५० ३. पाक्षिक
७५ ३०० ३०० ४. चातुर्मासिक २० १२५ ५०० ५०० ५. साम्वत्सरिक ४० २५२ १००८ १००८
प्रवचनसारोद्धार गाथा १८३-१८५
१ अक्टूबर २००६