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स्वाध्याय का फल
भंते! स्वाध्याय से जीव क्या प्राप्त करता है? स्वाध्याय से जीव ज्ञानावरणीय कर्म को क्षीण करता है।
साधना के क्षेत्र में जितना महत्त्व ध्यान का है उतना ही महत्त्व स्वाध्याय का है। इसीलिए कहा जाता है
सज्झाय समं तवोकम्म। न भूयं न भविस्सइ।
स्वाध्याय के द्वारा द्रव्य के नए-नए पर्यायों का उद्घाटन होता रहता है।
सज्झाएणं भंते! जीवे किं जणयइ? सज्झाएणं नाणावरणिज्जं कम्मं खवेइ।
उत्तरज्झयणाणि २६.१६
४ जून २००६