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अहिंसा महाव्रत अहिंसा महाव्रत में प्राणातिपात का विरमण किया जाता है।
अहिंसा महाव्रत की आराधना के लिए उपस्थित मुमुक्षु सर्व प्राणातिपात से विरति करता है।
वह सूक्ष्म या स्थूल, त्रस या स्थावर जो भी प्राणी हैं उनके प्राणों का अतिपात नहीं करता, दूसरों से अतिपात नहीं करवाता और अतिपात करने वाले का अनुमोदन भी नहीं करता।
पढमे भंते! महव्वए पाणाइवायाओ वेरमणं।
सव्वं भंते! पाणाइवायं पचक्खामि-से सुहमं वा बायरं वा तसं वा थावरं वा, नेव सयं पाणे अइवाएज्जा नेवन्नेहिं पाणे अइवायावेज्जा पाणे अइवायंते वि अन्ने न समणुजाणेज्जा।
दसवेआलियं ४.११
२२ अप्रैल २००६