________________
देशावकाशिक व्रत अणुव्रतों को स्वीकार करने वाला गृहस्थ छहों दिशाओं में जाने का जो परिमाण करता है, उसकी सीमा का प्रतिदिन या अल्पकालिक संकोच करता है। ___ तात्पर्य की दृष्टि से इस व्रत का क्षेत्र व्यापक है। जैसे दिशाओं में जाने का सीमाकरण किया जाता है वैसे ही अणुव्रतों में जो परिमाण किया है उसका भी पुनः सीमाकरण किया जाता है।
१६ अप्रैल २००६
FDADA PRADARADDEDG-१३२
CADEMOCRAPRA