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________________ वाक्यरचना बोध ४. सः लेखं लिखित्वा गृहं गच्छति । ५. बालं विहाय इन्दुबिम्बं ग्रहीतुं कः इच्छति । नोट-जिन शब्द के रूप याद करो (देखें परिशिष्ट १ संख्या १)। पुल्लिग में अकारान्त शब्दों के रूप जिन की तरह चलेंगे। भू धातु के रूप याद करो (देखें परिशिष्ट २ संख्या १) संधिविचार नियम १०- (अवर्जानामिनः १११८) अवर्ण को छोडकर इवर्ण; उवर्ण, ऋवर्ण, लवर्ण, ए, ऐ, ओ, औ और प्लुत स्वरों की नामिसंज्ञा होती है। नियम ११- (लुदन्ताः समानाः १११।६) अ, इ, उ, ऋ, ल-इनके ह्रस्व और दीर्घ स्वरों की समानसंज्ञा होती है। नियम १२-(एऐओऔ सन्ध्यक्षराणि १।१।१०) ए, ऐ, ओ, औ ये .. सन्ध्यक्षर स्वर हैं। नियम १३-(ह्रस्वो लघुः १११।१३) ह्रस्व स्वरों की लघुसंज्ञा होती नियम १४---(दीर्घः १११।१५) दीर्घ स्वरों की गुरुसंज्ञा होती है। नियम १५ --(संयोगे गुरुः १।१।१४) संयोग आगे होने पर पूर्व के हस्व स्वर की गुरुसंज्ञा होती है । नियम १६- (स्वरानन्तरिता हसाः संयोगः १११।१७) दो-तीन आदि हसों के बीच में कोई स्वर न हो तो उनकी संयोगसंज्ञा होती है। संयोग से पूर्व ह्रस्व स्वर की गुरुसंज्ञा होती है। जैसे-वत्स । यहां त् और स् के बीच में स्वर न होने से त्स् की संयोगसंज्ञा है। अभ्यास १. शब्द किससे बनता है ? २. वाक्य में कम से कम क्या होना चाहिए ? ३. वाक्य में क्या-क्या हो सकते हैं ? ४. समानसंज्ञा में कौन-कौन से वर्ण होते हैं ? ५. संयोगसंज्ञा किसकी होती है ? संयोगसंज्ञा से क्या कार्य होता है ? ६. नीचे लिखे शब्दों में किन-किन वर्गों की संयोगसंज्ञा है वत्स, विद्या उज्ज्वल, धर्मात्मा, मिथ्यात्व, विद्वज्जन्य । ७. नामिसंज्ञा के पांच उदाहरण लिखो। -... ८. राम घर को जाता है। उसके पास पुस्तक नहीं है। इनमें अक्षर, शब्द और वाक्य कौन-कौन हैं ? ६. सध्यक्षर स्वरों के ४ शब्द लिखो। १०. गुरुसंज्ञा और दीर्घसंज्ञा में क्या अन्तर है ?
SR No.032395
Book TitleVakya Rachna Bodh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahapragna Acharya, Shreechand Muni, Vimal Kuni
PublisherJain Vishva Bharti
Publication Year1990
Total Pages646
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size32 MB
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