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________________ व्याख्या-ज्ञान-दर्शन आदि गुण वाले चैतन्य आत्मा से लोक प्रचलित धन-धान्यादि, स्त्री-पुत्रादि तथा देह व कर्मादि के सम्बन्ध पृथक हैं। ऐसा निरंतर विचार करो। यदि ऐसा आचरण में आ जाए तब तो बहुत अच्छा है। यदि वैसा संभव न हो तो वस्तु स्वभाव का ज्ञानकर श्रद्धान तो करना ही चाहिए। इससे अहंकार आदि नहीं बढ़ते हैं। मोहभाव का त्याग ही वैराग्य है असणं वसणं कणगं, चागं अस्थि दु बाहिरो चागो। मोहभावस्स चागे, उप्पजदि सेट्ठ-वेरग्गो ॥3॥ अन्वयार्थ-(असणं वसणं कणगं चागं) अशन, वस्त्र, स्वर्ण त्याग (बाहिरो चागो अत्थि) बाहिरी त्याग है (दु) किन्तु (मोहभावस्स चागे उप्पज्जदि सेट्ठवेरग्गो) मोहभाव का त्याग होने पर श्रेष्ठ वैराग्य उत्पन्न होता है। अर्थ- भोजन, वस्त्र, स्वर्ण आदि का त्याग बाहिरी त्याग है, जबकि मोहभाव के त्याग से श्रेष्ठ वैराग्य होता है। व्याख्या-लोक में कुछ लोग केवल बाहिरी त्याग को ही त्याग मानते हैं, जबकि आचार्य कुंद-कुंद देव कहते है-'भावविरदो दु विरदो, ण दव्वविरदस्स सुग्गदी होदि।' अर्थात् भावों से विरक्त ही विरक्त है, केवल द्रव्य-त्यागी की सुगति नहीं होती। बाहरी त्याग तो होना ही चाहिए, किन्तु उसके साथ अंतरंग मोह (मिथ्यात्व) अर्थात् विपरीत मान्याताओं का भी त्याग होना चाहिए। ऐसा होने पर ही श्रेष्ठ वैराग्य उत्पन्न होता है। इससे स्वात्मोपलब्धि होती है। परमात्मा समान मनुष्य अभिंतरादो जस्स, मोहग्गंठी य विगलिदा जादा। विसय-कसाय विरहिदो, सो परमप्पा समो मणुसो॥54॥ अन्वयार्थ-(जस्स) जिसके (अन्भिंतरादो) भीतर से (मोहग्गंठी विगलिदं जादं) मोह-दुर्ग्रन्थी गल गयी है (य) और [जो] (विसय-कसाय विरहिदो) विषय-कषाय विरहित है (सो) वह (परमप्पा समो मणुसो) परमात्मा के समान मनुष्य है। अर्थ-जिसके भीतर से मोह की गांठ गल गयी है और जो विषय-कषाय से रहित है; वह मनुष्य परमात्मा के समान है। व्याख्या-इस हीन काल में भी जिसने भेदविज्ञान के बल से वस्तुस्वभाव को भली प्रकार जानकर मोहरूपी अनादिकालीन खोटी गांठ को गला डाला है तथा जो पंचेन्द्रिय के विषयों से व क्रोधादि कषायों से अच्छी तरह अलग हो गया, वह अज्झप्पसारो :: 277
SR No.032393
Book TitleSunil Prakrit Samagra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorUdaychandra Jain, Damodar Shastri, Mahendrakumar Jain
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year2016
Total Pages412
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size24 MB
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