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________________ भावार्थ-दान, तप, शूरवीरता, विशिष्ट ज्ञान, विनय करने की कला और दूसरों को जीतने की क्षमता में अभिमान नहीं करना चाहिए; तथा 'वा' पद से यदि दूसरे मनुष्य इन गुणों से युक्त दिखते हैं तो उसमें आश्चर्य नहीं करना चाहिए; क्योंकि यह धरती विविध प्रकार के रत्नों से भरी हुई है। अद्भुत औषधियाँ रोगे पत्थं खले दोसं, सामिम्मि सच्च-दसणं। णाणे झाणं धणे दाणं, थीए मद्दवमोसहं 108॥ अन्वयार्थ-(रोगे पत्थं) रोग में पथ्य (खले दोस) खल में दुष्टता (सामिम्मि सच्च-दसणं) स्वामी में सत्य दर्शन (णाणे झाणं) ज्ञान में ध्यान (धणे दाणं) धन में दान [तथा] (थीए मद्दवं) स्त्री में मार्दवता (ओसह) औषधि है। भावार्थ-रोग होने पर उसके पथ्य का पालन करना, खल के सामने दुष्टता से पेश आना, स्वामी-गुरु अथवा पूज्यजनों को सही बात बताना, ज्ञान बढ़ने पर ध्यान बढ़ाना, धन होने पर दान देना और स्त्री से प्रेम व्यवहार रखना, ये इनकी औषधि है अर्थात् दवा के समान गुणकारी हैं। बुद्धि कर्मानुसारिणी उज्जोगसारिणी लच्छी, कित्ती चागाणुसारिणी। समाणुसारिणी विज्जा, बुद्धी कम्माणुसारिणी॥109॥ अन्वयार्थ-(उज्जोगसारिणी लच्छी) लक्ष्मी उद्योगानुसारिणी (कित्ती चागाणुसारिणी) कीर्ति त्यागानुसारिणी (समाणुसारिणी विज्जा) विद्या श्रमानुसारिणी [तथा] (बुद्धी कम्माणुसारिणी) बुद्धि कर्मानुसारिणी [होती है। भावार्थ-जितना जैसा उद्योग किया जाएगा उतनी वैसी लक्ष्मी होगी, क्योंकि लक्ष्मी उद्योग के अनुसार होती है। इसी तरह जितना दान किया जाएगा उतनी ख्याति होगी क्योंकि ख्याति (कीर्ति) त्याग के अनुसार होती है। विद्या श्रम अथवा अभ्यास के अनुसार घटती-बढ़ती है और बुद्धि पूर्वकृत तथा सत्ता में स्थित कर्मों के अनुसार अच्छी-बुरी हो जाती है। इन्हें प्रयत्न पूर्वक उर्ध्वमुखी कर सकते हैं। वैभव संपन्नता के चिह्न भोयणं पुत्तसंकिण्णं, मित्त-संकिण्णमासणं। अप्पा य सत्थसंकिण्णो, बंधू-संकिण्णमालयं 110॥ अन्वयार्थ-(भोयणं पुत्तसंकिण्णं) भोजन पुत्रों से संकीर्ण (मित्तसंकिण्णमासणं) मित्रों से संकीर्ण आसन (अप्पा य सत्थसंकिण्णो) शास्त्रों से संकीर्ण 166 :: सुनील प्राकृत समग्र
SR No.032393
Book TitleSunil Prakrit Samagra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorUdaychandra Jain, Damodar Shastri, Mahendrakumar Jain
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year2016
Total Pages412
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size24 MB
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